भोपाल। राजधानी की साईबर क्राइम ब्रांच ने ऐसे दो ईनामी बदमाशों को पकड़ने में सफलता हासिल की है जो अपने सहयोगियों के साथ मिलकर लोन देने के नाम पर लाखों की ठगी करते थे। दरअसल इस गिरोह के पांच सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि सरगना सहित एक सदस्य पुलिस पहुंच से बाहर होकर फरार हो गए थे, जिन्हें पकड़ने में पुलिस सफल हुई है। बता दें इन फरार ठगियों पर पांच हजार रुपए का ईनाम भी घोषित किया गया था। भोपाल साइबर क्राईम ब्रांच थाना पुलिस ने बताया कि बीते दिनों एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया गया था जो लोगों को लोन देने की कंपनी बताकर गुमराह कर रहे थे। कंपनी का संचालन सतीश शर्मा, संजय शर्मा, आशीष उपाध्याय नाम के आरोपी सहित कई अन्य सहयोगी कर रहे थे। ये लोग लड़कियों से लोगों को कॉल करवाते थे और लोन देने की नई नई स्कीम में फसाते हुए मासूम लोगों को गुमराह करते थे। ऐसी स्कीम में लोगों को फसाकर इस गिरोह ने लाखों रुपए की ठगी की।
इसी क्रम में एक फर्जी कॉल का शिकार हुए फरियादी शौकत अली, निवासी भोपाल ने साइबर क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई कि उनके साथ लोन देने के नाम पर सुंदरम फाईनेंस कंपनी ने ठगी की है और बार बार पैसे जमा करवाकर लाखों रुपए ऐंठ लिए हैं। फरियादी ने बताया कि अब उनका कंपनी से किसी भी प्रकार से कॉन्टेक्ट नहीं हो पा रहा है।
फरियादी से अकाउंट्स नंबर, जीमेल एड्रेस, फर्जी कॉल्स का नंबर और अन्य डीटेल लेने के बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई जारी रखी और गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सतीश शर्मा सहित अन्य पांच सहयोगियों को गिरफ्त में ले लिया। इस कार्रवाई में सतीश शर्मा का भाई संजय शर्मा और एक सहयोगी पुलिस गिरफ्त से बाहर होने में सफल हो गए। पुलिस ने इस फरार आरोपी पर 5 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित किया था, जिन्हें पुलिस के लगातार की जा रही तलाश के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस तरीके से करते थे लाखों की ठगी
बता दें ये ठगी आरोपी लोन देने का झांसा देकर एटीएम कार्ड, खातों की जानकारी मांगकर पैसे ऐठ लेते थे। इनके द्वारा कई व्यक्तियों को झांसे में लाकर लाखों की ठगी की गई। इनके द्वारा करीब 40 बैंक खातों व एटीएम के माध्यम से लोगों के पैसे ठग करके जमा कराये गये और अलग-अलग शहरों से एटीएम के माध्यम से निकाल लिये गये। लोन के आवेदकों की पासबुक और एटीएम कार्ड लोन की गारंटी के तौर पर इनके पास जमा कर लिये जाते थे तांकि वो बैंक जाकर अपना बैलेंस चैक न कर पायें।