ग्वालियर। भिण्ड के जिला पंजीयक कार्यालय में फर्जी चालान लगाकर लगभग सवा सात लाख रुपये के गबन का मामला सामने आया है।जिला कलेक्टर अखिलेश श्रीवास्तव के आदेश पर जिला पंजीयक अधिकारी दिनेश गौतम की रिपोर्ट पर दो पूर्व जिला पंजीयक, तीन कर्मचारियों सहित 72 अन्य लोगों के खिलाफ भिण्ड देहात थाने में मामला दर्ज किया गया है।
जिला पंजीयक दिनेश गौतम ने बताया कि जिला पंजीयक कार्यालय में वर्ष 2004 से 2010 तक होने बाली रजिस्ट्रीरियों में स्टाम्प की कमी होने पर चालान जमा किये गये थे। लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों की मिली भगत के चलते जिला पंजीयक कार्यालय में जमा कराये गये चालान का कोषालय में सत्यापन ही नहीं कराया गया। पंजीयक के रीडरों ने फर्जी सत्यापन कर चालान के सात लाख 24 हजार रुपये का गबन कर दिया।
जिला पंजीयक दिनेश गौतम ने बताया कि जिला पंजीयक कार्यालय भिण्ड में वर्ष 2004 से वर्ष 2009 तक जिला पंजीयक के रुप में अशोक भार्गव व केएस पटवा पदस्थ रहे, जिनके कार्यकाल में भूमि के रजिस्ट्रीकरण के दौरान 72 आवेदकों द्वारा चालान के माध्यम से जमा की गई सात लाख 24 हजार 57 रुपये की धनराशि का जिला पंजीयक कार्यालय में रीडर वीकेे सिंह, साधना तोमर व अमिताभ शर्मा ने मिलकर घोटाला कर दिया।
जिला कलेक्टर अखिलेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस गबन का मामला तब उजागर हुआ जब मध्यप्रदेश शासन के ऑडिट दल ने कार्यालयीन रिकार्ड के ऑडिट के दौरान धनराशि के लेखे में गडबडी पाई गई। रिकार्ड के अनुसार चालान जमा दर्शाये गये है, लेकिन धनराशि शासन के खाते में जमा नहीं पाई गई। ऑडिट रिपोर्ट आने पर इस मामले की जॉच कराई गई जॉच में दोषी सिद्ध पाये जाने पर जिला पंजीयक दिनेश गौतम को दोषियों के खिलाफ अपराध दर्ज कराने के निर्देश दिये गये है।
सीएसपी केडी सोनकिया ने बताया कि जिला पंजीयक दिनेश गौतम की रिपोर्ट पर तत्कालीन जिला पंजीयक अशोक भार्गव, केएस पटवा व रीडर साधना तोमरवीके सिंह व अमिताभ शर्मा के अलावा 67 हितग्राहियों के खिलाफ भिण्ड देहात थाना पुलिस ने धोखाधडी व कूटरचना करने का मामला दर्ज किया है। सभी आरोपियों के गिरतार करने की कार्यवाही की जा रही है।