ग्वालियर। उत्तरप्रदेश के एटा जिले की आरपी ग्रुप ऑफ कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा 5.64 लाख रुपए की फर्जी एफडीआर के मामले में मध्यप्रदेश ग्रामीण सडक विकास प्राधिकरण सेवानिवृत जीएम आरसी बारौड पर बडी कार्यवाही कर रही है। प्राधिकरण ने कार्यवाही के लिए प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव से अनुमति मांगी है। इस फर्जी एफडीआर मामले में विभाग के लेखापाल और एकाउंट ऑफीसर को पहले ही सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है।
मध्यप्रदेश ग्रामीण सडक विकास प्राधिकरण भिण्ड के वर्तमान जीएम एसएस अध्वर्यु ने आज यहां बताया कि उत्तरप्रदेश के एटा की आरपी ग्रुप ऑफ कंस्ट्रक्शन कंपनी ने वर्ष 2012 में भिण्ड जिले में 232.07 लाख रुपए की लागत से बनाई जाने वाली 7 सडकों का काम लिया था। सडक निर्माण के लिए लगाए गए टेंडर शर्त के मुताबिक एक फीसदी राशि ठेकेदार को विभाग के पास जमा करना थी, जिसके लिए कंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से एटा की जिला सहकारी बैंक के नाम से जारी 5.64 लाख रुपए की एफडीआर धरोहर राशि के तौर पर जमा की गई थी। कंपनी द्वारा तय समय सीमा में काम नहीं किया गया तो विभाग ने एटा सहकारी बैंक में अपना कर्मचारी भेजकर एफडीआर का भुगतान करने के लिए कहा तो बैंक ने एफडीआर फर्जी बताई और कहा कि यह एफडीआर उनके यहां से जारी नहीं की गई है।
जीएम अध्वर्यु ने बताया कि टेंडर पास होने के बाद जब धरोहर राशि की एफडीआर कंपनी द्वारा जमा की जाती है तो संबंधित जीएम जमा कराई गई एफडीआर का भौतिक सत्यापन कराते हैं, लेकिन पंकज यादव की कंपनी द्वारा दी गई एफडीआर का भौतिक सत्यापन नहीं कराया गया। विभाग ने इसे बडी लापरवाही मानते हुए विभाग के लेखापाल और एकाउंट ऑफीसर को पहले ही बर्खास्त कर दिया है और अब उस समय के जीएम जो सेवानिवृत हो चुके हैं, आरसी बारौड के खिलाफ कार्यवाही के लिए शासन स्तर पर राज्यपाल से अनुमति ली जा रही है।
मध्यप्रदेश ग्रामीण सडक विकास प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालन अधिकारी और प्रदेश की वरिष्ठ आयएएस अलका उपाध्याय ने उत्तरप्रदेश के एटा की आरपी ग्रुप ऑफ कंस्ट्रक्शन कंपनी के डायरेक्टर पंकज यादव पर एफआईआर दर्ज करने के लिए भिण्ड के पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन को पत्र भेजा है। पत्र की एक प्रति मध्यप्रदेश ग्रामीण सडक विकास प्राधिकरण भिण्ड के जीएम एसएस अध्वर्यु ने भिण्ड देहात थाना प्रभारी को भी उपलब्ध कराकर एफआईआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।