ग्वालियर । सरकारी स्कूलों को सशक्त और साधन युक्त बनाने के लिये ग्वालियर जिलेवासियों ने हाथ बढ़ाए हैं। जिले के कारोबारियों, उद्यमियों, सामाजिक व स्वयंसेवी संगठनों तथा स्वशासी संस्थाओं ने शालेय उपहार योजना से जुड़कर सरकारी स्कूलों के लिये कम्प्यूटर टैबलेट, पंखे व स्वास्थ्य किट इत्यादि सामग्री मुहैया कराई है। मिल बाचें मध्यप्रदेश कार्यक्रम के तहत शनिवार को यहाँ कलेक्ट्रेट के जन-सुनवाई सभागार में जिले के प्रभारी एवं किसान कल्याण व कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने सरकारी स्कूलों के प्राचार्यों व प्रधानाध्यापकों को प्रतीक स्वरूप टैबलेट, पंखे व स्वास्थ्य किट वितरित की। यह सब सामग्री कलेक्टर राहुल जैन की पहल पर शहरवासियों ने जुटाई है।
कार्यक्रम में विधायक भारत सिंह कुशवाह, वीरेन्द्र जैन व बज्जर सिंह गुर्जर सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर राहुल जैन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीरज कुमार सिंह, अपर कलेक्टर शिवराज वर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी नीखरा व डीपीसी दीक्षित व अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। इस अवसर पर प्रभारी मंत्री बिसेन ने कहा कि ग्वालियर जिले में मिल बाचें मध्यप्रदेश कार्यक्रम के दौरान सराहनीय पहल हुई है। समाज के सहयोग से ही शिक्षा के लोक व्यापीकरण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने बैठक में मौजूद सभी शिक्षण संस्थाओ के प्रमुखों एवं दान-दाताओं से आहवान किया कि वे अपने परिजनों व बच्चों के आधार कार्ड जरूर बनवायें। जिससे शासकीय योजनाओं का लाभ पूरी पारदर्शिता के साथ मिल सके। वितरण कार्यक्रम का संचालन जिला शिक्षा केन्द्र के सहायक परियोजना समन्वयक एस बी ओझा ने किया।

140 टैबलेट, 605 पंखे व 200 स्वास्थ्य किट वितरित की गईं
कलेक्टर राहुल जैन ने बताया कि “मिल बाचें मध्यप्रदेश” की शालेय उपहार योजना के तहत ग्वालियर शहर के 140 स्कूलों को बिलौआ क्रेशर यूनियन की ओर से कम्प्यूटर टैबलेट वितरित किए जा रहे हैं। इसी तरह नगर निगम द्वारा शहर के सरकारी स्कूलों के लिये 605 पंखे दिए गए हैं। इसी तरह रेडक्रॉस की ओर से शहर की 200 प्राथमिक व 100 माध्यमिक शालाओं को दो-दो स्वास्थ्य संरक्षिका किट दी गई है।

वर्ल्ड ऑन व्हील वाहन भी मिला
“मिल बाचें मध्यप्रदेश” कार्यक्रम से एसआरएफ फाउण्डेशन भी जुड़ा है। इस फाउण्डेशन ने विज्ञान तकनीक एवं कम्प्यूटर की आधुनिक शिक्षा देने के लिये “वर्ल्ड ऑन व्हील” मोबाइल लैब मुहैया कराई है। वातानुकूलित इस वाहन में 24 कम्पयूटर लगे हैं। यह वाहन गाँव-गाँव जाकर सरकारी स्कूलों के बच्चों को डिजिटल शिक्षा प्रदान करेगा। ।

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