भोपाल। प्रदेश में गर्भवती माताओं एवं शिशुओं की जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा के लिए शासन द्वारा 26 जनवरी से 24 फरवरी 2013 तक संपूर्ण टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। कार्य को गति देने के लिए अभियान को पूर्णतः कम्प्यूटरीकृत किया गया है। ज्यादा से ज्यादा हितग्राहियों के टीकाकरण की दृष्टि से पल्स-पोलियो अभियान के साथ टीकाकरण कार्यक्रम का समन्वय किया गया है। इस संबंध में प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य श्री प्रवीर कृष्ण ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। दिसंबर माह में चलाए गए विशेष टीकाकरण अभियान में 3 लाख 50 हजार 249 गर्भवती माताओं एवं शिशुओं को जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा के लिये टीके लगाए गए।
प्रमुख सचिव ने बताया कि टीकाकरण कार्यक्रम का संचालन, अनुश्रवण एवं रिपोर्टिंग का कार्य एम.सी.टी.एस (मदर चाइल्ड ट्रेकिंग सिस्टम) के द्वारा किया जाएगा। वर्ष 2011-12 के टीकाकृत बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का अपडेशन तथा वर्ष 2012-13 में दर्ज समस्त माताओं एवं शिशुओं का पंजीयन समय सीमा में करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गये हैं। जिन गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं का टीकाकरण के लिए पंजीयन कर उनका शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये गये हैं। इसके लिये ब्लॉक एवं जिला स्तर पर अधिकारियों की जिम्मेदारी एवं व्यवस्थाओं की सुनिश्चितता एवं एन.आर.एच.एम (राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन) गाइड लाइन के अनुसार सभी कार्य समय सीमा में पूरे करने के लिए कहा गया है। पल्स पोलियो अभियान 20 जनवरी से 24 फरवरी तक दो चरण में क्रियान्वित होगा। इसी के साथ नियमित टीकाकरण का कार्य भी किया जाएगा।
नियमित टीकाकरण कार्य का सर्वे भी पल्स पोलियो टीम सदस्यों द्वारा किया जाएगा। इसका उद्देश्य पूर्व में टीकाकरण से वंचित हितग्राहियों को टीकाकरण से लाभान्वित करना है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की संचालक श्रीमती एम. गीता ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतीराज व्यवस्था की सहभागिता व शहरी क्षेत्र में स्लम बस्तियों में विशेष रूप से किये गए सर्वे के आधार पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन द्वारा समन्वय के आधार पर टीकाकरण किया जाएगा। हाई रिस्क क्षेत्र में विशेष रूप से टीकाकरण कार्य का सुपरविजन एवं क्रियान्वयन किया जाएगा।
टीकाकरण के लिए 91 दल गठित किये गये हैं। पल्स पोलियो अभियान के लिए तैनात 77000 टीमों के साथ इन दलों का समन्वय रहेगा। वेक्सीन की वैकल्पिक परिवहन की व्यवस्था के उपयोग पर भी विचार किया गया। साथ ही एडीशनल वैक्सीनेटर भी आवश्यकतानुसार रखने के निर्देश अधिकारियो को दिए गए।
प्रदेश में एक से 20 दिसंबर तक विशेष टीकाकरण अभियान चलाया गया था। इस अभियान में 3 लाख 50 हजार 249 शिशुओं एवं गर्भवती महिलाओं को टीके लगाए गए। इनमें 191716 शिशु एवं 158533 गर्भवती महिलाएँ हैं।
टीकाकरण के लिए पंजीयन करवाने वाली महिलाओं एवं शिशुओं के पंजीयन का प्रतिशत पूर्व की अपेक्षा इस बार बढ़ा है। पहले टीकाकरण की हितग्राही महिलाओं का 63 प्रतिशत पंजीयन किया था जो अब बढ़कर 75 प्रतिशत हो गया है। वही शिशुओं का पंजीयन 59 प्रतिशत से बढ़कर 72 प्रतिशत हो गया है। अभियान के दौरान 41914 गर्भवती महिलाओं एवं 57441 शिशुओं को पूर्व में दी गई सेवाओं को पुनः अद्यतन किया गया।