मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में शीघ्र ही एडव्होकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू होगा। सरकार विधानसभा के मानसून सत्र में इस संबंध में विधेयक प्रस्तुत करेगी। श्री चौहान ने नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी में राज्य अधिवक्ता परिषद के कार्यक्रम में यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शासन का सबसे अच्छा स्वरूप लोकतंत्र है। इसकी मजबूती के लिये जनता का न्यायपालिका पर भरोसा होना आवश्यक है। समय पर निष्पक्ष न्याय दिलाने में न्यायाधिपतियों और अधिवक्ताओं की प्रमुख भूमिका होती है। उन्होंने मासूम के साथ बलात्कार के अपराधी को मात्र 23 दिन में दण्डित करने के लिये न्यायपालिका का अभिनंदन और आभार ज्ञापित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिवक्ताओं को आरंभिक जीवन में कई कठिनाइयों का सामना और संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार का पूरा सहयोग उन्हें हमेशा मिलेगा। अधिवक्ता कल्याण के बार काउंसिल के कार्यों में सरकार भरपूर सहयोग करेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समाज के सभी वर्गों के कल्याण के कार्य समान रूप से किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज में समता के लिये राज्य सरकार सक्षम पर करारोपण कर अक्षम की मदद कर रही है। उन्होंने असंगठित मजदूरों के कल्याण के लिये किये जा रहे कार्यों की जानकारी भी दी।

अधिवक्ता हितैषी घोषणाएँ

ई-लायब्रेरी निर्माण में लगने वाली राशि का बजट में प्रावधान किया जायेगा।

अधिवक्ताओं को गंभीर बीमारियों के उपचार के लिये राशि उपलब्धता की सीमा अधिकतम पाँच लाख रूपये की जायेगी।

अधिवक्ता की असामयिक मृत्यु पर चार लाख की राशि परिजनों को दी जायेगी। इस राशि में 2 लाख रूपये राज्य सरकार और 2 लाख रूपये बार काउंसिल द्वारा देय होगी।

अधिवक्ता चेंबर निर्माण के लिये 50 प्रतिशत की मैचिंग ग्रांट सरकार देगी।

नये अधिवक्ताओं को दिये जाने वाला अनुदान 12 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रूपये किया जायेगा।

विधि मंत्री श्री रामपाल सिंह ने कहा कि न्यायिक प्रशासन के सुदृढ़ीकरण और अधिवक्ता कल्याण के कार्यों में प्रदेश की सरकार देश में अग्रणी है। शीघ्र न्याय सुलभ कराने के लिये सरकार ने न्यायाधिपतियों के 275 नये पद सृजित किये हैं। न्यायालय भवन निर्माण के लिये 53 करोड़ 62 लाख रूपये से अधिक की राशि उपलब्ध करवाई गई है। राज्य सरकार ने देश में पहली बार अधिवक्ता कल्याण के लिये महा-पंचायत की थी। पंचायत के निर्णयों पर आधारित योजनाएँ बनाकर अधिवक्ताओं को लाभान्वित किया जा रहा है। विधि मंत्री ने बताया कि नये अधिवक्ताओं को अनुदान के रूप में एक करोड़ 60 लाख रूपये उपलब्ध करवाये गये हैं। गंभीर बीमारियों के उपचार के लिये 3 करोड़ और असामयिक मृत्यु के प्रकरणों में 7 करोड़ 29 लाख रूपये से अधिक की राशि उपलब्ध करवाई गई है।

महाधिवक्ता श्री पुरूषेन्द्र कौरव ने कहा कि अधिवक्ता समाज का प्रहरी होता है। प्रदेश में न्याय प्रशासन को सुदृढ़ बनाने में राज्य सरकार भरपूर सहयोग कर रही है। उच्च न्यायालय के शासकीय अधिवक्ताओं का वेतन 30 हजार बढ़ाकर जिला जज के समान एक लाख 25 हजार रूपये किया है। शासकीय अधिवक्ताओं के पद 30 से बढ़ाकर 150 किये गये हैं। वर्ष 2016 में सुलभ न्याय प्रशासन के लिये न्यायाधिपतियों से लेकर अन्य कर्मचारियों सहित 4 हजार 500 नये पदों का सृजन किया गया। नवीन मुकदमा नीति लागू की गई है। विधि आयोग का पुनर्गठन करने जैसे महत्वपूर्ण और दूरगामी कार्य राज्य सरकार ने किये हैं।

राज्य अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष श्री शिवेन्द्र उपाध्याय ने परिषद द्वारा अधिवक्ता कल्याण के लिए किये जा रहे कार्यों में राज्य सरकार से सहयोग की अपेक्षा की।

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