भोपाल । मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है। बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज ठीक होकर घर रवाना हो रहे हैं।  कल तक भोपाल में 31 संक्रमित मरीज और इंदौर में 71 संक्रमित मरीज ठीक होकर घर आ गए हैं। इसी प्रकार, ग्वालियर और शिवपुरी में अब एक भी स्थानीय कोविड पॉजिटिव मरीज नहीं है। कल ही भोपाल के 193 सैम्पल की रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। प्रदेश के 50 प्रतिशत से अधिक जिले कोरोना से पूरी तरह मुक्त हैं।  चौहान आज मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति और व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव  इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक  विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य  मोहम्मद सुलेमान बैठक में उपस्थित थे।


बैठक में बताया गया कि शिवपुरी, छिंदवाड़ा एवं ग्वालियर जिलों में गत 13 दिनों से एक भी कोरोना टेस्ट पॉजिटिव नहीं आया है। इसी प्रकार, विदिशा में 9 दिन से, मुरैना में 8 दिन से तथा टीकमगढ़ में पिछले 5 दिनों से एक भी कोरोना टेस्ट पॉजिटिव नहीं आया है। जिलों में स्थितियां सुधर रही हैं।


मुख्यमंत्री  चौहान ने डॉ. विनोद भंडारी एवं डॉ. अजय गोयनका से बात कर मरीजों के इलाज की जानकारी ली। डॉ. भंडारी ने बताया कि पुलिस टी.आई.  देवेन्द्र चंद्रवंशी बहुत लेट अस्पताल में भर्ती हुए। जब वे भर्ती हुए तब उनके फेफड़े अत्यधिक संक्रमित थे। दिनांक 16 अप्रैल को उनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया था, परंतु फिर अचानक तबीयत बिगड़ने से उनकी मृत्यु हुई। डॉ. गोयनका ने बताया कि जल्दी इलाज चालू होने पर मरीज ठीक जाते हैं परंतु बहुत लेट अस्पताल आने पर दिक्कत होती है।


अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य  मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि पूरे प्रदेश में कुल 453 संक्रमित क्षेत्र हैं, जिनमें लगभग 22 लाख लोग रह रहे हैं। इनका सघन सर्वे कार्य 2623 टीम कर रही हैं। अभी तक 20.5 लाख व्यक्तियों का सर्वेक्षण हो चुका है। सर्वेक्षण के दौरान 12 हजार 938 हाई रिस्क व्यक्ति पाए गए हैं। इन सभी का सैंपल लिया गया है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।


प्रदेश में अब कोरोना टेस्टिंग के लिए 11 लैब कार्य कर रहे हैं तथा प्रतिदिन लगभग 18 सौ टेस्ट की क्षमता निर्मित हो गई है। कल 1578 सैंपल लिए गए थे, जिनमें से 52 कोरोना पॉजिटिव पाए गए।  चिरायु अस्पताल में टेस्टिंग सुविधा चालू हो गई है तथा कल तक आयशर अस्पताल में भी शुरू हो जाएगी।

मुख्यमंत्री  चौहान ने पुलिस महानिदेशक  विवेक जोहरी को निर्देश दिए कि कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के कार्य में तैनात पुलिस कर्मियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए। वे रात-दिन कोरोना संबंधी कार्य में लगे हैं। उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं, मास्क, सैनिटाइजर आदि उपलब्ध कराए जाएं।  जौहरी ने बताया कि प्रदेश में कोरोना कार्य में लगभग 3,000 पुलिस बल लगा हुआ है।


मुख्यमंत्री ने जिलों में कोरोना संबंधी व्यवस्थाओं के लिए बनाए गए प्रभारी अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करने के दौरान निर्देश दिए कि वे अपने प्रभार वाले जिलों में लॉक डाउन एवं सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन सुनिश्चित करवाएं।  चंद्रशेखर,  डी.पी. आहूजा,  नीरज मंडलोई, मती दीपाली रस्तोगी,  कवीन्द्र कियावत आदि ने मुख्यमंत्री को उनके प्रभार वाले जिलों में कोरोना संबंधी व्यवस्थाओं की जानकारी दी।


मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आवश्यक वस्तुओं से संबंधित किराना आदि की दुकानें कम समय के लिए न खोली जाएं। इससे उन दुकानों पर भीड़ हो सकती है। ये दुकानें 10 से 12 घंटे तक खुलें। साथ ही कृषि उपकरणों आदि की दुकानें खुली रहें, यह सुनिश्चित किया जाए।


अपर मुख्य सचिव  मनोज वास्तव ने बताया कि गत 3-4 दिनों से प्रदेश की सीमाओं पर बड़ी संख्या में प्रदेश के बाहर गए मजदूर लौट रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि उनकी स्क्रीनिंग आदि की पुख्ता व्यवस्था संबंधित कलेक्टर सुनिश्चित करें।


प्रमुख सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण  शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि उपार्जन के लिए प्रदेश में 3500 केन्द्र चालू हैं। अभी तक 65 हजार किसानों से 1.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। किसानों को एस.एम.एस. द्वारा बुलाया जा रहा है तथा पूरी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उपार्जन कार्य हो रहा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि उपार्जन केंद्रों पर किसानों की स्क्रीनिंग तथा आवश्यकता अनुसार स्वास्थ्य परीक्षण आदि की व्यवस्थाएं की जाएं।


मुख्यमंत्री निर्देश दिए कि किराना आदि आवश्यक वस्तुओं की जनता को आपूर्ति के लिए छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहित किया जाए।  बताया गया कि लॉक डाउन के दौरान अति आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर ई-कॉमर्स वाहनों की पूर्व में दी गई छूट को निरस्त कर दिया गया है।


मुख्यमंत्री  चौहान ने मंडियों एवं उनके बाहर गेहूं आदि की बिक्री की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसानों का गेहूं कम दामों पर ना बिके। इसके लिए वे निरंतर निगरानी करें। बताया गया कि मंडियों में बिकने वाले गेहूं में से 81% गेहूं मंडी के बाहर सौदा पत्रकों के माध्यम से व्यापारियों द्वारा सीधे किसानों से खरीदा गया है तथा किसानों को इसका दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक मिला है।


बैठक में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश के इंदौर सहित अन्य स्थानों से कोरोना वायरस के सैम्पल लेकर उनकी जीनोसिक्वेंसिंग कराई जाएगी। इससे पता चल सकेगा कि कोरोना किस प्रकार का है। इससे कोरोना के इलाज में सहायता मिलेगी। इसके लिए सैम्पल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजे जाएंगे।

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