ग्वालियर। मध्यप्रदेश में ई-टेंडर घोटाले की जांच कर रही ईओडब्ल्यू की टीम ग्वालियर तक पहुंच गई है। यहां उन 17 किसानों की कुण्डलियां तलाशी जा रहीं हैं जिनके बारे में प्रदेश के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के कारोबारी मित्र मुकेश शर्मा ने पूछताछ में बताया था। कौशल शर्मा के बारे में बताया गया है कि वह पूर्व मंत्री का करीबी रहा है। जिन किसानों के नाम हैं, उनमें से दो ऐसे लोग हैं, जिनका अक्सर भोपाल आना-जाना था।

पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के करीबी मुकेश शर्मा ने 2008 में डबरा के 17 किसानों के नाम सुमित इंटरप्राइजेज, आरआर ट्रेडर्स, तिरुपति इंटरप्राइजेज, अशोक इंटरप्राइजेज और आरपी ट्रेडर्स के खाते से डिमांड ड्राफ्ट बनवाए थे। इसके बाद इन किसानों के नाम से भोपाल में 5.5 एकड जमीन करोडों रुपए में खरीदी गई। अब यह सवाल उठ रहे हैं कि इन किसानों पर इतने रुपए कहां से आए। इसकी जांच करने के लिए ईओडब्ल्यू भोपाल की एक टीम ग्वालियर पहुंची। टीम डबरा भी गई और ग्वालियर में भी एक होटल व कुछ अन्य संपत्तियों से संबंधित जानकारी एकत्रित करती रही। खास बात यह रही कि टीम गुपचुप आई और न तो इसकी खबर ईओडब्ल्यू के स्थानीय अधिकारियों को थी न ही लोकल पुलिस को। बहुत ही गुपचुप तरीके से टीम जांच में जुटी रही।

मुकेश शर्मा से ईओडब्ल्यू भोपाल की टीम पूछताछ कर रही है। पूछताछ में मुकेश ने खुलासा किया था कि नागार्जुन कंस्ट्रक्शन और सिंप्लेक्स इंफ्रास्ट्रक्चर से कमीशन में मिले 32 करोड़ रुपए 2008 में इंदौर की पांच फर्जी कंपनियों सुमित इंटरप्राइजेज, आरआर ट्रेडर्स, तिरुपति इंटरप्राइजेज, अशोक इंटरप्राइजेज, आरपी ट्रेडर्स के खाते में जमा कराए थे। इससे पहले 12 जून को मुकेश ने डबरा के 17 किसानों के नाम इन कंपनियों के खाते से डिमांड ड्राफ्ट बनवाए गए। इसके बाद भोपाल के कोलार में किसान कौशल शर्मा व अन्य तीन किसानों के नाम 1.23 करोड़ रुपए में पौन एकड़ जमीन खरीदी गई। वहीं 5 एकड़ जमीन और खरीदी गई, जिसमें डबरा के 13 किसान पार्टनर हैं। किसानों के नाम डिमांड ड्राफ्ट बनने के बाद ही जमीन खरीदी गई। इसके चलते जांच करने के लिए ईओडब्ल्यू की एक टीम ग्वालियर पहुंची। सभी किसानों को नोटिस भी जारी किए गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *