ग्वालियर । चिकित्सा शिक्षा, आयुष एवं संस्कृति मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने कहा कि प्रदेश के नागरिकों को बेहतर एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा की सुविधा प्राप्त हो, इस दिशा में राज्य सरकार कार्य कर रही है। मंत्री डॉ. साधौ शुक्रवार को आयुष विभाग के तहत शासकीय (स्वशासी) आयुर्वेद महाविद्यालय परिसर ग्वालियर में प्रदेश की पहली शासकीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला के शुभारंभ कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहीं थीं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक मुन्नालाल गोयल ने की। कार्यक्रम में विधायक प्रवीण पाठक, आयुष विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती शिखा दुबे, आयुष विभाग के आयुक्त संजीव झा, आयुष की संयुक्त संचालक डॉ. शोभना शुक्ला, शासकीय (स्वशासी) आयुर्वेद महाविद्यालय ग्वालियर के प्राचार्य डॉ. महेश शर्मा सहित महाविद्यालय के प्राध्यापकगण सहित चिकित्सक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कमल नाथ चाहते हैं कि प्रदेश में नागरिकों को बेहतर एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हों, इसी दिशा में राज्य सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में शुरू हुई शासकीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला प्रदेश की पहली एक मात्र प्रयोगशाला है। इस प्रयोगशाला के शुरू हो जाने से ग्वालियर अंचल सहित सम्पूर्ण प्रदेश के लोगों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रयोगशाला के माध्यम से आयुर्वेद एवं यूनानी दवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया जायेगा। जिससे मरीजों को गुणवत्तापूर्ण दवायें प्राप्त हो सकें। इस प्रयोगशाला का विस्तार कर होम्योपैथी दवाओं के परीक्षण की व्यवस्था की जायेगी। डॉ. साधौ ने कहा कि आयुर्वेद उपचार दुनिया की प्राचीन पेथी है। हजारों वर्षों से हमारे पूर्वज इसी पेथी का उपयोग करते आ रहे हैं। मंत्री डॉ. साधौ ने कहा कि उनके क्षेत्र महेश्वर में रहने वाली भील जनजाति के लोग अपना उपचार आयुर्वेद के रूप में जंगलों से एकत्रित जड़ी-बूटियों से कर रहे हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विधायक मुन्नालाल गोयल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में आयुर्वेद का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आयुर्वेद दुनिया की पुरानी उपचार पद्धति रही है। वर्तमान में लोगों का रूझान एवं रूचि आयुर्वेद के प्रति बढ़ी है। आवश्यकता इस बात की है कि आयुर्वेद को कैसे आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला के शुरू हो जाने से ग्वालियर अंचल सहित प्रदेश के मरीजों को गुणवत्तापूर्ण दवायें प्राप्त होंगी एवं मिलावट पर रोक लगेगी।
विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि इस प्रयोगशाला की आधारशिला वर्ष 2002 में तत्कालीन मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ द्वारा रखी गई थी। जिसका शुभारंभ मंत्री डॉ. साधौ द्वारा किया जा रहा है। इस प्रयोगशाला के शुरू कराने में डॉ. साधौ का विशेष योगदान रहा है। श्री पाठक ने कहा कि 15 वर्षों के दौरान प्रदेश में आयुष विभाग की चिंता नहीं की गई। आयुष मंत्री के रूप में डॉ. साधौ ने मेडीकल कॉलेजों के साथ आयुर्वेद चिकित्सा की डिस्पेंसरी खोलने की चिंता कर प्रदेश के सभी जिलों में 30 बिस्तरों के चिकित्सालय की व्यवस्था की गई। जिससे इन चिकित्सालयों में बीए एमएस के छात्र अपना अध्ययन पूर्ण कर चिकित्सक के रूप में मरीजों की सेवा कर सकें।