भावांतर भुगतान योजना में प्रदेश की करीब 80 प्रतिशत कृषि उपज मण्डियों में किसानों को 50 हजार रुपये तक का नगद भुगतान हो रहा है। इस संबंध में आयकर विभाग ने भी स्पष्ट किया है कि यदि व्यापारी कृषक से कृषि उपज की खरीदी के एवज में उसे रुपये 50 हजार तक का नगद भुगतान करता है तो इस नगद व्यवहार/नगद लेन-देन को आयकर अधिनियम-1961 एवं आयकर नियम-1962 का कोई उल्लंघन नहीं माना जायेगा।
वर्तमान में प्रदेश की अधिकांश कृषि उपज मण्डियों में भावांतर भुगतान योजना में पंजीकृत किसानों को उनकी कृषि उपज की बिक्री पर रुपये 50 हजार तक का भुगतान नगद हो रहा है। प्रदेश की कुछ ऐसी मण्डियों, जहाँ अभी किसानों को रुपये 10 हजार तक का भुगतान ही नगद राशि में हो पा रहा है, में भी शीघ्र ही 50 हजार रुपये तक की राशि के नगद भुगतान के प्रयास किये जा रहे हैं। शीघ्र ही ऐसी मण्डियों में भी किसानों को 50 हजार रुपये तक का भुगतान नगद राशि में होने लगेगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 257 मण्डी में भावांतर भुगतान योजना में किसानों की उपज की खरीदी का कार्य जारी है।