भोपाल। वर्ष 1999 में आई निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म हम दिल दे चुके सनम में पति का किरदार निभा रहे अजय देवगन अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय को उसके प्रेमी सलमान खान से मिलाने का पूरा प्रयास करता है। अंत में मंगलसूत्र के महत्व को समझते हुए पत्नी वापस अपने पति के पास चली जाती है। ऐसा ही एक रोचक मामला मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल फैमिली कोर्ट में पहुंचा है। लेकिन इसका अंत फिल्म से अलग है। पत्नी की प्रेमी के साथ शादी करने की जिद और पत्नी को उसके प्रेमी से मिलाने की पति की प्रबल इच्छा के चलते काउंसलर को रिपोर्ट में तलाक दिए जाने की सिफारिश की मोहर लगाना पड़ी। मामला फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायधीश आरएन चंद की कोर्ट में विचाराधीन है।

पति ने काउंसलर को बताया कि मैं भोपाल का रहने वाला हूं। मेरी शादी 1 जुलाई 2019 में हुई थी। मैं रेलवे में अधिकारी हूं। शादी के दूसरे दिन ही पत्नी ने बता दिया था कि वह पत्नी धर्म निभाने में असमर्थ है। वह किसी ओर से प्यार करती है। जब पत्नी से पूछा कि अब क्यों बता रही हो तो उसका कहना था कि यह बात उसने अपने माता-पिता को बताई थी। लेकिन उन्होंने सामाजिक प्रतिष्ठा और मर जाने की धमकी देकर उसे शादी करने को विवश किया था। मैं अपनी पत्नी के प्रेमी सेे मिल चुका हूं। वह वास्तव में अपनी प्रेमिका को प्यार करता है। इस शादी की वजह से तीन जिंदगियां बर्बाद हो रही हैं इसलिए तलाक देकर पत्नी की शादी उसके प्रेमी कराने की संकल्प लिया है।

पत्नी ने काउंसलर को बताया कि मैंने जिससे शादी की, उसे बता दिया कि मैं किसी ओर से प्यार करती हूं। मैं और मेरा प्रेमी एक निजी कंपनी में सर्विस करते थे। माता-पिता का कहना था कि प्रेमी प्राइवेट नौकरी करता है। वह तुम्हें सुखी नहीं रख पाएगा। चूंकि पिता एक्स आर्मीमैन थे तो उनका अनुभव था कि सरकारी नौकरी वाले लड़के से भविष्य सुरक्षित रहता है। इसलिए उन्होंने सरकारी नौकरी करने वाला अधिकारी लड़का ढूंढा था। शादी के पहले मैं होने वाले पति को पूरी सच्चाई बताना चाहती थी लेकिन माता-पिता ने होने वाले पति से बात नहीं करने दी। इसलिए कुछ नहीं कर पाई। पति अच्छे है जिन्होंने भावनाआंे को समझा और त्याग करने तैयार हो गए।

भोपाल फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता राजरानी ने बताया कि काउंसलिंग के दौरान दोनों ने बताया कि उन्होेंने इस बात का जिक्र अपने माता-पिता से नहीं किया है। महिला फैमिली फ्रेंड के यहां रह रही है। पति का कहना है कि दोनों वयस्क हैं इसलिए निर्णय लेने में सक्षम हैं। मैंने काउंसलिंग रिपोर्ट में तलाक की सिफारिश की है।

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