मुंबई। महाराष्ट्र पुलिस में असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर अश्विनी बिद्रे हत्याकांड मामले में कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है। पनवेल सेशन कोर्ट ने सात साल बाद अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने हत्या के मामले में दोषी अभय कुरुंदकर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
वहीं कोर्ट ने अभय कुरुंदकर के अलावा बाकी दो दोषियों कुंदन भंडारी और महेश फलनिकर को 7 साल के जेल की सजा सुनाई है। दोनों दोषी 7 साल से जेल में थे, इसलिए उन्हें अब जेल से बाहर भेजा जाएगा। दोनों को आज ही छोड़ दिया जाएगा। अभय कुरूंदकर को अन्य धाराओं के तहत भी सजा सुनाई गई है।
दरअसल, अश्विनी बिद्रे नवी मुंबई के मानवाधिकार प्रकोष्ठ में तैनात थी। इसी बीच 11 अप्रैल 2016 को असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर अश्विनी बिद्रे अचानक लापता हो गई थीं। वहीं जब मामले की जांच शुरू हुई तो पुलिस ने अश्विनी बिद्रे के ड्राइवर कुरुंदकर भंडारी और उसके दोस्तों के खिलाफ केस दर्ज किया। इसमें ज्ञानदेव पाटिल और फलाणीकर का नामभी शामिल था। हालांकि बाद में ज्ञानदेव पाटिल को बरी कर दिया गया था। पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि कुरुंदकर और अश्विनी बिद्रे के बीच एक्स्ट्रामैरिटल अफेयर थे।
बता दें कि अभय कुरुंदकर ने 11 अप्रैल, 2016 को ठाणे जिले के भयंदर में अश्विनी बिद्रे की हत्या कर दी थी। अपने दोस्तों के साथ मिलकर अभय कुरुंदकर ने मुकुंद प्लाजा में अश्विनी बिद्रे की हत्या की घटना को अंजाम दिया था। वहीं हत्या के बाद कुरुंदकर ने अश्विनी बिद्रे के शरीर को कई टुकड़ों में काटा और फिर उसे एक फ्रिज में रख दिया। कुछ दिन के बाद उसने शव को भयंदर खाड़ी में फेंक दिया। बता दें कि अभय कुरुंदकर को 2017 के गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया था। वहीं कुरुंदकर को इस मामले में 7 दिसंबर 2017 को गिरफ्तार किया गया।