पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर कायरतापूर्ण आतंकी हमले के बाद केन्द्र सरकार एक्शन में है। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के समय में यह हुआ अबतक का सबसे बड़ा आत्मघाती आतंकी हमला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इसकी कमान संभाल ली है। प्रधानमंत्री खुद हर स्तर पर जानकारी ले रहे हैं और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट बैठक में अहम निर्णय लिए जाने के आसार हैं। फिलहाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने आपात बैठक बुलाई है।

गृहसचिव राजीव गौबा हमले के समय भूटान में थे और उन्हें वापस बुलाया जा रहा है। केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से फोन पर बात की और सीआरपीएफ के महानिदेशक के साथ शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर जाने का निर्णय लिया है।

सूत्र बताते हैं कि आतंकी हमले की सूचना आने के कुछ समय बाद ही एनआईए के प्रमुख वाई सी मोदी को इसकी जांच के लिए टीम भेजने को कहा गया। इसके साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने तत्काल आपात बैठक बुलाने का निर्णय ले लिया। केन्द्रीय गृहमंत्रलय के अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर राज्यपाल के सुरक्षा मामलों के सलाहकार तथा सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक के विजय कुमार को बुलाकर उनसे मंत्रणा की। विजय कुमार ने मंत्रालय को हमले के बारे में ताजा स्थिति से अवगत कराया।

समझा जा रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की बैठक में हमले के सभी पहुलओं पर विचार किया जाएगा। इसमें खुफिया एजेसी द्वारा चेतावनी दिए जाने, चेतावनी पर अमल तथा सीआरपीएफ के इतने बड़े काफिले की रवानगी के लिए अपनाई गई स्टैंडर्ड आपरेशन प्रोसीजर की प्रक्रिया पर सरकार ध्यान देगी। इसके अलावा इस हमले से सबक लेते हुए नए स्टैंडर्ड आपरेशन प्रोसीजर को तैयार करने जैसे मामले में पहल हो सकती है। आपात बैठक में अर्ध सैनिक बलों के अलावा सश बलों के अधिकारी भी हो सकते हैं। ऐसे में भावी विकल्पों पर भी विचार किया जा सकता है।

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