इंदौर । 15 साल की एंटी इंकम्बेंसी, कार्यकर्ताओं में गुस्सा और विधायकों की निष्क्रियता जैसे तमाम मुद्दों के बाद भी भाजपा ने पुराने चेहरों के सहारे ही विधानसभा की लड़ाई लड़ने का फैसला ले लिया। पांच दौर के सर्वे और लंबे विचार के बाद राज्य और केंद्रीय चुनाव समिति ने तय किया कि दूसरे दावेदारों द्वारा खुद के लिए टिकट को लेकर किए जा रहे विरोध या छिटपुट एंटी इंकम्बेंसी से टिकट काटना घाटे का सौदा होगा।

शुक्रवार को जारी सूची में मालवा-निमाड़ के 46 प्रत्याशी तय कर दिए गए। इनमें 11 विधायकों के टिकट काटे गए हैं, जबकि इंदौर की नौ सीटों सहित 20 सीटें होल्ड पर हैं।

संघ की बैठक, नहीं हो सकी चर्चा

भाजपा सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और संगठन महामंत्री रामलाल को मुंबई से संघ की महत्वपूर्ण बैठक के लिए बुला लिया गया। इस कारण प्रदेश की 53 सीटें जिन पर पैनल या विरोधाभास की स्थिति है, उन पर चर्चा नहीं हो सकी। एक-दो दिन में नाम तय होते ही इनकी घोषणा भी कर दी जाएगी।

सर्वे के साथ अनुभव को भी बनाया आधार

पार्टी ने टिकट वितरण के पहले करवाए गए सर्वे के साथ-साथ टिकट वितरण में यह भी ध्यान रखा कि जहां वर्तमान विधायकों के टिकट काटे जा रहे हैं, वहां पहली प्राथमिकता अनुभवी चेहरों को दी जाए। इंदौर संभाग की महेश्वर विधानसभा सीट से राजकुमार मेव का टिकट बदलकर भूपेंद्र आर्य को पुन: मौका दिया गया है, तो पास की सीट कसरावद में 2013 का चुनाव हारने के बाद भी अनुभवी प्रत्याशी आत्माराम पटेल पर ही भरोसा जताया है।

पंधाना क्षेत्र में वर्तमान विधायक योगिता बोरकर का टिकट बदल दिया गया तो मांधाता में भी पार्टी ने नरेंद्रसिंह तोमर को मौका दिया है। सबसे चौंकाने वाला नाम बड़वाह से हितेंद्रसिंह सोलंकी का रहा। चुनाव समिति में उन्हें टिकट देने या न देने की चर्चा लंबे समय से चल रही थी। कार्यकर्ताओं और कई बड़े नेताओं की नाराजगी के बावजूद भाजपा संगठन ने सर्वे में बेहतर परिणाम आने पर उन पर ही विश्वास व्यक्त किया।

अनुभवी पर भरोसा जताया तो टिकट भी काटे

धार जिले में सबसे ज्यादा उलटफेर की आशंका थी, लेकिन पार्टी ने यहां भी संतुलन बनाने की कोशिश की है। धार विधानसभा क्षेत्र में पिछले दिनों हुई उथल-पुथल के बाद भी पार्टी ने नीना वर्मा पर ही भरोसा जताया। इसी तरह मनावर से रंजना बघेल और बदनावर से स्थानीय प्रत्याशी की मांग दरकिनार करते हुए भंवरसिंह शेखावत को पुन: मौका दिया है।

सरदारपुर में वेलसिंह भूरिया का टिकट काटा गया है। यहां से संजय बघेल को मौका दिया। इसी तरह धरमपुरी में कालूसिंह ठाकुर का टिकट काटकर वर्ष 2013 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले गोपाल कन्नौज को प्रत्याशी बनाया है।

टिकट के पहले कांग्रेस को झटका देने की कोशिश

भाजपा ने कांग्रेस नेता प्रेमचंद गुड्डू को दिल्ली और उनके बेटे अजीत बोरासी को इंदौर में भाजपा में शामिल कर टिकट वितरण के ठीक पहले कांग्रेस को झटका दिया। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय कई दिनों से गुड्डू से चर्चारत थे। पाटी की मंशा गुड्डू को शामिल करने के साथ सांसद मनोहर ऊंटवाल को आगर से टिकट देकर उज्जैन में अजा वर्ग की स्थिति मजबूत करने की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *