ग्वालियर ! मध्यप्रदेश के बाद अब देश भर में सुर्खियों में आया पीएमटी कांड के मुख्य सरगना डॉ. दीपक यादव की गिरफ्तारी पर जिला पुलिस अधीक्षक प्रमोद वर्मा ने 5 हजार रूपए का ईनाम घोषित कर दिया है। गौरतलब है कि दीपक यादव को नामजद करने के लिए पुलिस को लगभग एक वर्ष का समय लग गया। मूलत: भिंड का रहने वाला दीपक पार्षद रहे करन सिंह यादव का बेटा तथा सेवानिवृत्त डीआईजी हरिसिंह यादव का दामाद है।
स्थानीय जीआर मेडिकल कालेज के अधीन अंचल के सबसे बड़े सरकारी जे.ए. ग्रुप ऑफ हास्पीटल में बाल रोग विशेषज्ञ रहे आरोपी दीपक यादव ने भले ही 10 वर्ष में डिग्री पूरी की लेकिन म.प्र. प्रीजीपी में 11वां स्थान आया। पुलिस को पूरा संदेह है कि दीपक का सिलेक्शन भी किसी बड़े बिचौलिये का माध्यम से हुआ। जूडा अध्यक्ष रहे डॉ. दीपक यादव पर पुलिस को इस बात का अंदेशा है कि उसने बीते 10 वर्ष में पूरे राज्य में पीएमटी रैकेट का जाल बिछा दिया। पुलिस को जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी ने सन् 2005 के बैच में अपने छोटे भाई विशाल यादव का सिलेक्शन कराने के साथ ही बड़ी संख्या में अन्य फर्जी छात्रों की सिलेक्शन कराया था। बताया गया है कि इनमें यादवों की संख्या काफी है। अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि दीपक यादव ने कितने छात्रों का सिलेक्शन कराया था। ज्ञात रहे डॉ. दीपक यादव का 1995 में सिलेक्शन हुआ। 2005 में एमबीबीएस की डिग्री कम्पलीट हुई। 2006 में प्रीपीजी में 11वां स्थान हासिल किया। इसी दौरान जेएएच में बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में पदस्थापना हुई। जुलाई 2013 से बिना बताए नौकरी से गायब है। पुलिस अधीक्षक ने दीपक यादव की गिरफ्तारी पर 5 हजार का इनाम घोषित किया है। व्यापमं फर्जीवाड़े में जुटी एसटीएफ ने पीएमटी कांड में मुरैना से चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।