ग्वालियर। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग भिण्ड के पूर्व कार्यपालन यंत्री टीआर शाक्य के खिलाफ लगभग 20 करोड रुपए के कथित भ्रष्टाचार एवं फर्जी भुगतान के मामले में प्रदेश की आर्थिक अपराध अनुसंधान विंग (ईओडब्ल्यू) द्वारा जांच शुरु कर दी गई है। इसकी शिकायत की गई थी। शिकायत पर से ईओडब्ल्यू ने प्रकरण दर्ज कर मामले को प्राथमिक जांच में ले लिया है। पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी ईओडब्ल्यू ग्वालियर के निरीक्षक सैयद सुहैल मुमताज को सौंपी गई है।
आरोपी कार्यपालन यंत्री पीएचई टीआर शाक्य ने वितीय वर्ष 2012-12, 2013-04 तथा 2014-15 में नलकूपों की कम्प्रेशर द्वारा सफाई, कुंओं की गहराई व मरम्मत कार्य, रेज्ड प्लेट फार्म निर्माण, नवीन प्लेटफार्म निर्माण, नलकूपों से गिरी फंसी लाइन निकालने एवं हैंडपंप सुधार कार्यों के नाम पर शासन के नियमें को ताक पर रखकर करोडों का फर्जी भुगतान किया गया है। शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया ताक पर रखकर टुकडों में दो-दो लाख रुपए के 1500 से अधिक कार्यादेश देकर ठेकेदारों को लाभ दिया गया है। 10 करोड रुपए से अधिक के 11, 22, 25, 50 हजार रुपए के वर्क ऑर्डर कोटेशन के जरिए जारी कर शासन के पैसों का दुरुपयोग किया गया है।
घोटालों तथा फर्जी भुगतानों के मामलों में चर्चित भिण्ड जिले के कार्यपालन यंत्री पीएचई कार्यालय के अन्य तत्कालीन कार्यपालन यंत्रियों के खिलाफ भी ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त में प्रकरण पंजीबद्ध है तथा उनकी जांचें चल रही है। तत्कालीन कार्यपालन यंत्री केआर गोयल, विमल कुमार सोनी तथा कुछ स्थानीय ठेकेदारों के खिलाफ लोकायुक्त में एफआईआर दर्ज हुई है। इसके पूर्व एक और तत्कालीन कार्यपालन यंत्री आरएन करैया भी करोडों रुपए के भ्रष्टाचार के मामले में जांच का सामना कर चुके है, पर सारे ही मामले बेनतीजा ठण्डे बस्ते में दबे हुए है। हाल ही भ्रष्टाचार के दायरे में आए तत्कालीन कार्यपालन यंत्री टीआर शाक्य को राज्य सरकार द्वारा पिछले दिनों जिले से हटा दिया गया है।
ग्वालियर ईओडब्ल्यू के निरीक्षक व जांच अधिकारी एसएस मुमताज ने बताया कि पीएचई भिण्ड के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री टीआर शाक्य के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।