कोरोना काल में मानवता शर्मसार हो चुकी है। इसकी बानगी बिहार की राजधानी पटना के सम्पतचक प्रखंड के कनौजी कछुआरा पंचायत में देखने को मिली। हिन्दू धर्म में पिता की अर्थी को कंधा पुत्र के देने का रिवाज है, लेकिन यहां तो बेटा और बहू मृत पिता के शव के पास मां को छोड़कर फरार हो गए। जहां अपने शव को छोड़कर भाग गए वहीं पराये ने अर्थी को कंधा दिया। 

हालांकि पुत्र के भागने के बाद इसका फर्ज भेलवाड़ा दरियापुर के मुखिया प्रतिनिधि रॉकी कुमार ने अर्थी को कंधे देकर निभाया। इसके बाद एम्बुलेंस से शव को गुलबी घाट अंतिम संस्कार के लिए भेजा। भेलवाड़ा दरियापुर के मुखिया प्रतिनिधि रॉकी कुमार ने बताया कि कनौजी कछुआरा पंचायत में कृषि बिहार कॉलोनी है, वहां एक 65 वर्षीय वृद्ध बालेश्वर प्रसाद की संदिग्ध मौत हो गयी थी। रविवार को बालेश्वर प्रसाद के बेटे और बहू शव का अंतिम संस्कार करने के बजाय छोड़कर फरार हो गए। घर में मृतक की वृद्ध पत्नी ही थी। बालेश्वर प्रसाद की पत्नी पति के शव से लिपट कर विलाप कर रही थी।

इसके बाद गांव के लोगों ने इसकी सूचना सम्पतचक प्रखंड विकास पदाधिकारी को दी। हालांकि सम्पतचक प्रखंड विकास पदाधिकारी उषा कुमारी भी पूरे परिवार के साथ कोरोना पॉजिटिव हैं। इस वजह से उन्होंने कॉल कर इसकी जानकारी दीं। मैं अपने आठ साथियों के साथ पहुंचा और अर्थी को कंधे देकर एम्बुलेंस से अंतिम संस्कार के लिए गुलबी घाट भेजा।

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