ग्वालियर । अल्प वर्षा की वजह से ग्वालियर जिला पानी के संकट से जूझ रहा है। इसलिये पानी की एक – एक बूँद का संरक्षण जरूरी है। पानी को सहेजने के लिये जलाभिषेक अभियान के तहत कारगर योजना बनायें। साथ ही शासकीय कार्यक्रमों के माध्यम से भी जल के संरक्षण व संवर्धन का संदेश जन – जन तक पहुँचायें। यह निर्देश कलेक्टर राहुल जैन ने जल संरचनाओं व पेयजल व्यवस्था संबंधी बैठक में विभागीय अधिकारियों को दिए। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों से कहा कि पानी की बर्बादी करने वालों पर जुर्माना लगायें।
सोमवार को यहाँ कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासकीय दफ्तरों एवं घरों में रखी टंकियाँ ओवर फ्लो न हों। साथ ही निर्माण विभाग भी यह सुनिश्चित करे कि निर्माण कार्यों में पानी की बर्बादी न हो। उन्होंने कार्यपालन यंत्री पीएचई को हिदायत दी कि नल-जल योजनाओं और पेयजल स्त्रोतों का संधारण तत्परता से करें। श्री जैन ने जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को हिदायत दी कि पेयजल की साप्ताहिक समीक्षा की जाए। साथ ही हैण्डपम्प खराब होने संबंधी शिकायतों के निराकरण पर सभी सीईओ व्यक्तिगत रूप से ध्यान दें। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शिवम वर्मा ने बैठक में जानकारी दी कि पिछले तीन वित्तीय वर्ष के दौरान जिले के ग्रामीण अंचल में लगभग 9 करोड़ 20 लाख की लागत से 820 जल संरचनाओं का काम हाथ में लिया गया। इनमें से 230 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। साथ ही 536 जल संरचनाओं का कार्य वर्तमान में जारी है।