इस्लामाबाद: पाकिस्तान में 25 जुलाई को हुए आम चुनावों के बाद गठित विपक्षी महागठबंधन एक महीने के भीतर टूट गया क्योंकि इसकी घटक पार्टियां राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार पर सर्वसम्मति बनाने में नाकाम रहीं और विपक्ष की ओर से दो उम्मीदवारों ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल किया. आपको बता दें कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की तरफ से चौधरी ऐतजाज एहसान और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (फजल) प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने 4 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारी दाखिल की है. इन दोनों के अलावा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की तरफ से डॉ. आरिफ अलवी ने भी नामांकन किया है.

अंतिम दिन हुए सारे नामांकन
पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी अखबार डॉन के मंगलवार के अंक में पहले पन्ने पर प्रमुखता के साथ प्रकाशित एक खबर में बताया गया है राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पीपीपी के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे जेयूआई-एफ प्रमुख, अब अब खुद मैदान में हैं और उनके पास मुक्त और निष्पक्ष चुनावों के लिए पाकिस्तान गठबंधन (PAFFE) के सभी घटक दलों का समर्थन भी है, जबकि पीपीपी अब अलगाव की स्थिति से गुजर रहा है. खबर में यह भी बताया गया है कि पीएमएल-एन के आमिर मुकाम ने भी जेयूआई-एफ प्रमुख के लिए एक कवरिंग कैंडिडेट के रूप में अपना नामांकन पत्र जमा किया है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी चुनाव आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के मुताबिक पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की अध्यक्षता में सत्तारूढ़ गठबंधन के उम्मीदवार डॉ. आरिफ अल्वी ने भी सोमवार को अपना नामांकन पत्र प्रस्तुत किया था, क्योंकि सोमवार ही दस्तावेज जमा करने का आखिरी दिन था.

इस वजह से जेयूआई-एफ प्रमुख ने किया नामांकन
डॉन की खबर में बताया गया है कि अपने कागजात जमा करने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए, जेयूआई-एफ के प्रमुख ने आशा व्यक्त की कि वह अंततः विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार घोषित होंगे क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव में अभी कुछ दिन बचे हैं. इस दौरान उन्होंने मुस्कान के साथ एक टिप्पणी की ‘अगर मैं मध्यस्थ हो सकता हूं, तो उम्मीदवार क्यों नहीं’. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उनके कई प्रयासों के बावजूद, पीपीपी और पीएमएल-एन दोनों ने एहसान के नामांकन पर अपने पक्ष से झुकने से इनकार कर दिया.

जरदारी और जेयूआई-एफ में हुई बातचीत
खबर के मुताबिक बाद में सोमवार शाम को, जेयूआई-एफ ने पूर्व राष्ट्रपति आसिफ जरदारी से राष्ट्रपति चुनाव में सहयोग की मांग की. पीपीपी के सूत्रों ने डॉन से कहा कि जरदारी ने मौलाना को सूचित किया था कि पार्टी ने मंगलवार (आज) पर एक बैठक बुलाई है जिसमें वे पार्टी के नेताओं के सामने मौलाना के प्रस्ताव को रखेंगे.

पीपीपी ने मीडिया पर लगाया आरोप
वहीं दूसरी ओर पीपीपी ने दावा किया है कि मीडिया ने अन्य विपक्षी दलों से परामर्श करने से पहले एहसान को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने के लिए पार्टी की आंतरिक बैठक का फैसला लीक किया, जिससे उनके बीच अविश्वास पैदा हुआ. एक समाचार सम्मेलन में बोलते हुए, पीपीपी नेताओं कमर ज़मान कैरा और चौधरी मंजूर अहमद ने कहा कि मीडिया ने गलत तरीके से बताया कि पीपीपी ने एहसान को उम्मीदवार के रूप में नामित किया था.

4 सितंबर को पाकिस्तान में होगा राष्ट्रपति चुनाव
राष्ट्रपति चुनाव के लिए तय कार्यक्रम के अनुसार, 27 अगस्त तक नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकते हैं जबकि कागजात की जांच 29 अगस्त को की जाएगी. मतदान 4 सितंबर को इस्लामाबाद में संसद भवन और लाहौर, कराची, पेशावर और क्वेटा में प्रांतीय असेंबली की इमारतों में 10 बजे से शाम 4 बजे तक होगा.

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