इस्लामाबाद। ट्रंप और पाकिस्तान के बीच मचे घमासान में चीन अपना कूटनीतिक दांव खेल रहा है। पाकिस्तान में व्यापार के लिए जो दर्जा अभी तक अमेरिकी डॉलर को मिलता था, वही अब चीनी करेंसी को भी मिलने वाला है। सेंट्रल बैंक ऑफ पाकिस्तान ने चीन के साथ द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अब चीनी करेंसी युआन को भी मंजूरी दे दी है। यानि, अब चीन और पाकिस्तान आने वाले टाइम अपने व्यापार के लिए यूएस डॉलर की जगह युआन का प्रयोग करेंगे। पाकिस्तान ने यह निर्णय, डोनाल्ड ट्रंप के पाकिस्तान पर भड़काऊ टिप्पणी के बाद लिया है।

पाकिस्तान की यूएस डॉलर की निर्भरता होगी कम
मंगलवार को स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने प्रेस रिलीज कर कहा कि पाकिस्तान में व्यापार आदान प्रदान में चीन की युआन करेंसी को विदेशी मुद्रा के रूप में स्वीकार कर लिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान बहुत पहले से ही निवेश और व्यापार के लिए युआन करेंसी को स्वीकृति के लिए मन बना लिया था। पाकिस्तान ने ऐसा करके ना सिर्फ चीन की करेंसी को यूएस करेंसी के बराबर दर्जा दिया है, बल्कि डॉलर पर अपनी निर्भरता को भी कम कर दिया है।

युयान इंटरनेशनल करेंसी की श्रेणी में
पाकिस्तान ने अपने इस कदम से चीनी करेंसी को ना सिर्फ अमेरिकी डॉलर, बल्कि यूरो और जापान की येन की तरह इंटरनेशनल करेंसी में ला दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे पाकिस्तान और चीन के बीच व्यापार में तेजी बढ़ावा मिलेगा। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को ग्वादर पोर्ट फ्री जोन के निर्माण को बढ़ावा देना चाहिए और ग्वादर फ्री जोन में कारोबार को बढ़ावा देने के लिए चीनी करेंसी का इस्तेमाल बढ़ाना चाहिए।

दोनों देशों के साथ व्यापार बढ़ेगा
चीन पाकिस्तान इकनॉमिक कोरिडोर (CPEC) के तहत बीजिंग अपना प्रभुत्व पाक में मजबूत करना चाह रहा है। अब इन दोनों देशों के बीच व्यापार डॉलर में नहीं बल्कि युआन करेंसी में होगा। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट के बाद चीन ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए पाक का योगदान अभूतपूर्व है।

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