पाकिस्तान के काटस राज मंदिर में स्थित तालाब के सूखने से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने सीमेंट फैक्ट्रियों को कड़ी फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने फैक्ट्री संचालक को एक सप्ताह के अंदर तालाब में पानी भरने का आदेश दिया है। पाकिस्तान का हिंदू समुदाय इसे बेहद पवित्र मानता है। सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया में इस बाबत रिपोर्ट आने के बाद स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले पर सुनवाई शुरू की है। पंजाब प्रांत के चकवाल क्षेत्र में बेस्टवे सीमेंट कंपनी ने चार बड़े उत्पादन केंद्र लगा रखे हैं, जिसमें पानी का बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता है।
पाकिस्तानी मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक, काटस राज मंदिर के आसपास सीमेंट फैक्ट्रियां लगने से भूजल का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है। इसके कारण आसपास के लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। काटस राज मंदिर में स्थित तालाब भी इसके दुष्प्रभाव से अछूता नहीं रह सका। तालाब का जलस्तर लगातार गिरने लगा था। बताया जाता है कि सीमेंट फैक्ट्रियों ने कई बोरवेल लगा रखे हैं। ऐसे में भूजल स्तर में गिरावट आने लगी। यहां तक कि घरेलू इस्तेमाल के लिए भी पानी की दिक्कत होने लगी है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई शुरू करते हुए कंपनी को तालाब में पानी भरने का निर्देश दिया था। सुनावाई के दौरान बेस्टवे सीमेंट के वकील बाबर सत्तार के लगातार चुप रहने पर भी सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की थी।