इस्लामाबादः इस्लामाबाद हाई कोर्ट के जज शौकत अजीज सिद्दीकी ने शपथ से जुड़े एक मामले खत्म-ए-नबुव्वत की सुनवाई करते हुए आदेश दिए है कि किसी भी व्यक्ति के लिए सरकारी नौकरी जॉइन करते समय अपने धर्म की जानकारी देना जरूरी होगा पाकिस्तानी अदालत का यह फैसला मुस्लिम बहुल देश के कट्टरपंथी तबके के लिए बड़ी जीत जैसा है। जज ने कहा कि यह सभी पाकिस्तानियों के लिए अनिवार्य है कि वे सिविल सर्विस, आर्म्ड फोर्सेज या न्यायपालिका के लिए शपथ से पहले अपने धर्म का खुलासा करें।
बता दें कि बीते साल पाकिस्तान सरकार ने देश में शपथ के नियमों में बदलाव कर दिया था, जिस पर कट्टरपंथी मुस्लिम भड़क गए थे और कई संगठनों ने आंदोलन छेड़ दिया था। जस्टिस सिद्दीकी ने अपने ऑर्डर में कहा, ‘सरकारी सेवाओं के लिए आवेदन करने वाले नागरिकों के लिए शपथ लेना जरूरी है, जिससे संविधान के मुताबिक मुस्लिम और गैर-मुस्लिम की परिभाषा तय हो सके।’
वापस लिया था। ऐसे में इस फैसले को ये फैसला
नवंबर में कट्टरपंथियों ने इस्लामाबाद को जोड़ने वाले एक अहम हाईवे को जाम कर दिया था, जिस पर सरकार ने कानून मंत्री जाहिद हामिद को हटा दिया था। इसके बाद कट्टरपंथियों ने आंदोलन वापस लिया था। ऐसे में इस फैसले को कट्टरपंथी तबके की जीत के तौर पर देखा जा रहा है। कट्टरपंथियों का कहना था कि सरकार ने इलेक्शंस ऐक्ट, 2017 के जरिए शपथ के नियमों में इसलिए बदलाव किया है ताकि अहमदिया लोगों को लुभाया जा सके, जिन्हें संसद ने 1974 में गैर-मुस्लिम घोषित किया था।