जयपुर। राजस्थान के जयपुर शहर में 3 दिन पहले मंगलवार को हुई मां-बेटे की हत्या का पर्दाफाश हो गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के सीनियर मैनेजर रोहित तिवारी ने ही अपनी पत्नी श्वेता और 21 महीने के बेटे श्रीयम की हत्या करवाई थी। पति-पत्नी के बीच टकराव इसकी मुख्य वजह बताई जा रही है। सूत्रों ने बताया कि रोहित ने अपने एक परिचित के साले को पैसों का लालच देकर वारदात करवाई। हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अगवा किए बच्चे का शव बुधवार को यूनिक टॉवर सोसाइटी के पीछे जंगल में मिला था। इसके बाद भी आरोपी श्वेता के मोबाइल से 30 लाख रुपए की फिरौती के लिए रोहित को मैसेज भेज रहा था। इस आधार पर पुलिस को मैनेजर पति के साजिश में शामिल होने का शक हुआ। रोहित से तीन दिन पूछताछ और साइबर सेल से मिली जानकारी के बाद ही पुलिस हत्यारे तक पहुंची।

सूत्रों के मुताबिक, रोहित ने अपने परिचित के साले सौरभ उर्फ राजसिंह से श्वेता और श्रीयम की हत्या करवाई थी। सौरभ राजस्थान के ही भरतपुर का रहने वाला है और रोहित ने हत्या के एवज में उसे पैसों का लालच दिया था। जयपुर से पहले रोहित तिवारी की उदयपुर में पोस्टिंग थी। वहीं पर हरि नाम के व्यक्ति से रोहित की जान-पहचान हुई थी। सौरभ, हरि का साला था। हरि ने ही रोहित की मुलाकात सौरभ से करवाई थी।

इसके बाद रोहित का जयपुर में तबादला हो गया। सौरभ भी जयपुर में ही काम करता था। रोहित का पत्नी से मनमुटाव बढता जा रहा था। श्वेता के पिता ने भी पुलिस को बताया था कि 5 जनवरी को दोनों (श्वेता-रोहित) के बीच मारपीट हुई थी। इस दौरान रोहित ने पत्नी को मारने की धमकी दी थी। रोहित ने डबल मर्डर की साजिश रची और लालच देकर सौरभ को इसमें मोहरा बनाया।

इस डबल मर्डर में शुरुआत से ही पुलिस को रोहित पर संदेह था। लेकिन हत्या की वारदात के वक्त उसकी लोकेशन जयपुर एयरपोर्ट स्थित आईओसीएल ऑफिस में ही आ रही थी। पत्नी की हत्या और बेटे के अगवा होने की सूचना मिलने के बाद ही रोहित फ्लैट पर पहुंचा था। लेकिन बुधवार दोपहर को श्रीयम का शव मिलने के बाद भी रोहित के मोबाइल फोन पर फिरौती के लिए मैसेज आना पुलिस को चौंकाने वाली बात लगी।

ऐसे में पुलिस का संदेह गहरा गया कि इस डबल मर्डर में रोहित के अलावा कोई और अन्य व्यक्ति भी शामिल है, जो कि परिचित है। पुलिस जांच में बच्चे का शव मिलने के बाद यह भी साफ हो गया कि हत्यारे ने वारदात के बाद सांगानेर में एक दुकान से सस्ता मोबाइल फोन खरीदा। अपहरण और फिरौती का मामला दिखाने के लिए नए मोबाइल फोन में श्वेता के मोबाइल की सिम लगाकर रोहित के मोबाइल फोन पर योजना के मुताबिक अपहरण और फिरौती के लिए मैसेज किए गए।

पुलिस के लिए बडा सवाल यह था कि किसी अनजान व्यक्ति के पास रोहित का मोबाइल नंबर कैसे पहुंचा? और क्या वह पुलिस को गुमराह करने के लिए अपहरण और फिरौती के मैसेज कर रहा है? आखिरकार मैसेज करने वाले सौरभ के गिरफ्त में आते ही डबल मर्डर मिस्ट्री की सारी परतें पुलिस ने देर रात साफ कर दी। सौरभ ने श्वेता और श्रीयम की हत्या से जुडी कईं अहम जानकारी पुलिस को दी।

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