नई दिल्ली: हरियाणा का प्रवीण हत्याकांड इस समय सुर्खियों में है. इस हत्याकांड की मास्टरमाइंड उसकी पत्नी रवीन और उसका आशिक सुरेश निकला. 25 मार्च देर रात प्रवीण की हत्या के बाद जब 26 को प्रवीण के पिता ने रवीना से पूछा कि प्रवीण कहां है तो उसने कहा कि पता नहीं सुभाष ये सोच कर चुप रह गए कि फिर से अनबन हुई होगी, लेकिन 26 मार्च को ही रवीना शूटिंग के बहाने घर से निकल गई और फिर 28 मार्च को तब वापस अपने ससुराल आई, जब परिवार वालों ने फोन पर उसे प्रवीण की लाश मिलने की जानकारी दी.

शातिर हत्यारन रवीना 28 मार्च को जब ससुराल वापस पहुंची तो मातम का माहौल था. उसने भी रोने-धोने की भरपूर एक्टिंग की और परिवार वालों को जताया कि पति की मौत से वो बहुत दुखी है. उसके बाद ससुराल में ही रही.

प्रवीण की लाश भिवानी के दिनोद रोड नाले से बरामद होने के बाद पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कर शव परिवार के हवाले कर दिया और परिवार ने दाह संस्कार भी कर दिया. 12 दिन तक परिवार ने कोई शिकायत भी दर्ज नहीं कराई और दुःख में बैठे रहे, लेकिन प्रवीण के छोटे भाई संदीप और चचेरे भाई अमित को शक हुआ तो उन्होंने तमाम CCTV खंगालने शुरू किए और खुद इन्वेस्टीगेशन किया.

बीच बीच में भाभी रवीना से भी किसी बहाने कुछ सवाल पूछ लेते थे. 12 दिन बाद परिवार ने पुलिस को अहम सबूत के साथ शिकायत दी, जिसके 24 घंटे के भीतर पुलिस ने रवीना और सुरेश को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की और मामले का खुलासा हुआ.

रवीना परिवार को गुमराह भी कर रही थी. उसने घरवालों को बताया था कि प्रवीण 25 मार्च की रात तीन बजे तक घर पर ही था और बाहर बैठ कर बीड़ी पी रहा था. उसके बाद मैं सो गई. सुबह उठी तो प्रवीण कमरे में नहीं था, कहीं चला गया था, जबकि रवीना दो बजे से पहले ही प्रवीण की लाश को ठिकाने लगा चुकी थी और 2:15 बजे तक सुरेश उसे घर छोड़कर निकल चुका था.

पुलिस सूत्रों कि मानें तो रवीना और सुरेश के खिलाफ पर्याप्त सबूत थे. CCTV फुटेज, मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल्स से चीजें साफ हो चुकी थीं. पुलिस पूछताछ में दोनों ने शुरुआत में तो झूठ बोला, लेकिन कुछ देर में ही जब उन्हें समझ आ गया कि बचना मुश्किल है तो गुनाह कबूल कर लिया.