ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले पढ़ाई के लिए पिता की डांट से नाराज 12वीं के छात्र ने गुस्से में ग्वालियर के किले से छलांग लगा दी। करीब 50 फीट की गहराई में पत्थर पर गिरने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पत्थर और झाड़ियों में फंसे शव को निकालने में पुलिस को एक घंटा लगा। घटना बुधवार सुबह बहोड़ापुर स्थित किले की है। छात्र पढ़ाई नहीं कर रहा था, इसीलिए उसके पिता ने डांटा था। पुलिस जांच कर रही है।
बुधवार सुबह यहां टहलने आए कुछ लोगों ने एक छात्र को छलांग लगाते देखा तो तत्काल बहोड़ापुर थाना पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस बिना देर किए किले पर पहुंची। कूदने वाला किले की दीवार और तल के बीच में करीब 50 फीट की गहराई पर पत्थरों और झाड़ियों के बीच फंसा था। तत्काल पुलिस ने नगर निगम के दमकल दस्ते को सूचना दी। पुलिस और नगर निगम के अमले ने रेस्क्यू शुरू किया। बचाव टीम छात्र तक पहुंची तो उसकी मौत हो चुकी थी। मृतक की शिनाख्त हजीरा के मेजर कॉलोनी निवासी 18 वर्षीय छात्र साहिल राठौर के रूप में हुई।
हजीरा थाना क्षेत्र के मेजर कॉलोनी गदाईपुरा निवासी 18 वर्षीय साहिल राठौर पुत्र मानसिंह राठौर 12वीं का छात्र है। बुधवार सुबह वह देर तक सोता रहा तो उसके पिता ने बोर्ड परीक्षा होने की बात कहकर उसे फटकार लगा दी। पिता के डांटने से नाराज साहिल ने कपड़े बदले और गुस्से में घर से निकल आया। तीन भाइयों में वह मझला है। विनोद उससे बड़ा और कोमल छोटा है। उसके इस तरह घर से निकलने पर पिता और भाई उसकी तलाश करने निकले, लेकिन कुछ पता नहीं चला। कुछ देर बाद एक लड़के के किले से कूदने की जानकारी मिली। साहिल का भाई विनोद किले पर पहुंचा तो कूदकर खुदकुशी करने वाले की पहचान अपने भाई साहिल के रूप में की ।
किले से कूदने के बाद छात्र चट्टान पर गिरा और उसके बाद झाड़ियों में फंस गया। जिस समय वह कूदा वहां काफी लोग मौजूद थे। उन्होंने उसे चढ़ते देखा तो शोर भी मचाया, लेकिन छात्र ने बिना किसी की सुने छलांग लगा दी।
जिस जगह से छात्र ने कूदकर आत्महत्या की है उस जगह को किले का सुसाइड पॉइंट कहा जाता है। बीते दो साल में यहां से करीब 8 युवाओं ने कूदकर जान दी है। लगातार हो रहे हादसे के बाद बीते साल यहां लोहे की जाली लगवा दी गई थी, लेकिन उसके बाद भी कूदने वाले जाली से निकल कर दीवार पर चढ़कर कूद रहे हैं।बहोड़ापुर उरवाई गेट के पीछे और कोटेश्वर मंदिर के पास किले की दीवार को सुसाइड प्वाइंट के नाम से जाना जाता है। खुदकुशी करने वाले अधिकांश लोग इसी किले से कूदकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर देते हैं