जबलपुर। मध्यप्रदेश में आगामी दिनों में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में विजयी होकर आने वाले पार्षद ही महापौर व निगम अध्य़क्ष का चुनाव कर सकेंगे। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा नगरपालिका अधिनियम में किए गए संशोधन के खिलाफ लगाई गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया गया है।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के जबलपुर के जस्टिस संजय यादव व अतुल श्रीधरन की बेंच ने कहा कि जनहित याचिका करने वाले यह सावित नहीं कर सके कि राज्य सरकार द्वारा नगर निगम एक्ट में किए गए संशोधन असंवैधानिक है।
जबलपुर के अनवर हुसैन ने जबलपुर उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करते हुए कहा था कि राज्य सरकार ने नगरपालिका अधिनियम में संशोधन किया है। इसमें नगा निगम महापौर व अन्य निकायों के अध्यक्ष पद का निर्वाचन सीधे मतदाताओं के द्वारा होता था। अब सरकार ने निर्णय लिया है कि निर्वाचित पार्षद महापौर व अध्यक्ष चुन सकेंगे।
अधिवथ्ता अजय रायजादा ने उच्च न्यायालय को तर्क दिया है कि संविधान में अनुच्छेद का उल्लंघन कर नगर निगम ण्क्ट में संशोधन किया गया है। शासकीय अधिवक्ता हिमांशु मिश्रा ने उच्च न्यायालय को बताया कि नगरीय निकायों की सभी सीटों के लिए प्रत्यक्ष प्रणाली की व्यवस्था है।