भोपाल ! मध्य प्रदेश में निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत गैर अनुदान प्राप्त निजी विद्यालयों की रिक्त सीटों पर वंचित समूह और कमजोर वर्ग के बच्चों को दाखिला दिया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। राज्य सरकार की ओर से जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में गुरुवार को बताया गया कि निजी विद्यालयों में वंचित समूह और कमजोर वर्गो के बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिलवाने के लिए इस वर्ष भी तीन चरणीय प्रक्रिया अपनाई गई।
प्रशासन को कुछ निजी स्कूलों में सीट खाली रहने की सूचना प्राप्त हुई थी।
विज्ञाप्ति के अनुसार, राज्य सरकार ने रिक्त सीटों पर पात्र बच्चों को निशुल्क प्रवेश की व्यवस्था निर्धारित की है। इसके अनुसार, वंचित समूह और कमजोर वर्ग के किसी बच्चे के प्रवेश का आवेदन आने पर उसे सीधे प्रवेश दिया जाएगा।
यह प्रवेश ‘पहले आओ-पहले प्रवेश पाओ’ के सिद्धांत पर होगा। अभिभावक बच्चों को स्कूल में प्रवेश के लिए निर्धारित प्रपत्र में आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी को भी दे सकते हैं। डीईओ उसे संबंधित स्कूल भेज देगा, जहां सीट खाली होने पर प्रवेश दिया जाएगा।
शासन ने प्रवेश की निर्धारित प्रक्रिया से जिले के सभी निजी विद्यालयों को अवगत कराने के निर्देश भी दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि आरटीई के अनुसार निजी विद्यालयों में न्यूनतम 25 प्रतिशत वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिए जाने का प्रावधान है।