ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिला न्यायालय के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश उमेश पांडव की अदालत ने कल एक अपराधी को 10 साल, तीन साल व सात साल के कारावास समेत 10 हजार, दो हजार व पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। ये तीनों सजाएं साथ-साथ भुगताई जाएंगीं।
जिला अभियोजन अधिकारी प्रवीण दीक्षित ने आज यहां बताया कि भिण्ड जिले के रौन थाना क्षेत्र के ग्राम रैमजा में 26 अगस्त 2015 को शाम पांच बजे शिवम शर्मा, जो इसी गांव का रहने वाला है, अपने गांव की एक 16 वर्ष की नाबालिंग युवती को अपने साथ भगा ले गया। शिवम ने इस नाबालिंग युवती को रात भर अपने साथ जंगल में रखा और उसके साथ दुष्कर्म किया। जब शिवम इस किशोरी लेकर जा रहा था, तब किशोरी की मां ने उसे देख लिया था। उधर दूसरे दिन 27 अगस्त को शिवम पकड़ा गया और युवती बरामद हो गई। उसका कथन अदालत में कराया गया। जहां उसने कहा कि शिवम उसे जंगल में ले गया था, जहां उसने उसके साथ दुष्कर्म किया। अदालत में सुनवाई के दौरान शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक बीएल शर्मा ने की। जिला अभियोजन अधिकारी ने मामले में शिवम के अपराध को पुष्ट किया। वैज्ञानिक साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। अदालत ने इस मामले में शिवम को दोषी पाकर विभिन्न धाराओं के अंतर्गत सजा सुनाई।
लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा चार के तहत 10 साल का सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माना। इसी अधिनियम की धारा आठ में तीन साल की कैद व दो हजार रुपए का जुर्माना। आईपीसी की धारा 366 में सात साल की कैद व पांच हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई।

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