भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने सभी जिलों में पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनावों की तैयारियों की समीक्षा की। कई जिलों की तैयारियों को लेकर वे संतुष्ट नहीं है। वहीं उन्होंने यह साफ कर दिया कि चुनाव भले ही फरवरी तक टल गए लेकिन कांग्रेस को अपनी तैयारियों और रणनीति में कोई ढील नहीं देना है। वहीं किसानों के समर्थन में भी अब जिला संगठन को मैदान में उतरने के उन्होंने निर्देश दिए हैं। दिल्ली में 6 दिन रहने के बाद भोपाल आते ही कमलनाथ एक्टिव मोड में दिखाई दिए। शनिवार दोपहर को वे भोपाल पहुंचे और आज सुबह उन्होंने कांग्रेस के सभी संगठनात्मक जिलों के अध्यक्षों के साथ बैठक की।
बैठक में कमलनाथ ने सभी अध्यक्षों से नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर बात की। इसके बाद उन्होंने कहा कि चुनाव भले ही टल गए हो, लेकिन कांग्रेस को अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं रखना है। किसानों के समर्थन में सभी जिला अध्यक्ष अपने जिलों के संगठन के साथ सड़क पर उतरें। वहीं उन्होंने कहा कि क्षेत्र की समस्याओं को लेकर भी संगठन संघर्षरत रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिले में कांग्रेस विधायकों से समन्वय रखकर काम करें, विधायकों को भी संगठन में महत्व दिया जाना चाहिए। वहीं उन्होंने नगरीय निकाय चुनाव के लिए बनाए गए प्रभारियों की भी बैठक की। सभी प्रभारी क्षेत्र में जाकर बैठक का एक दौर पूरा कर चुके हैं।
हालांकि भोपाल नगर निगम के प्रभारी लखन घनघोरिया इस बैठक में शामिल नहीं हो सके थे। वहीं इंदौर की प्रभारी विभा पटेल , ग्वालियर के प्रभारी बृजेंद्र सिंह राठौर ने क्षेत्र में की बैठक की जानकारी दी। इसके बाद कमलनाथ ने सभी प्रभारियों को आगे की रणनीति बनाने के निर्देश दिए हैं।
कमलनाथ के दिल्ली में सक्रिय होने की खबरों के बीच प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव भी किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर अपनी ताकत दिखाएंगे। वे खलघाट में नर्मदा किनारे किसानों को लेकर बड़ा प्रदर्शन करेंगे। इससे पहले उनके पिता सुभाष यादव ने भी दिग्विजय सिंह की सरकार के दौरान ही यहां पर प्रदर्शन कर अपनी ताकत और किसानों के बीच में पैठ दिखाई दी। उनके इस प्रदर्शन से दिग्विजय सिंह की सरकार सकते में आ गई थी। अरुण यादव ने भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए यहां पर प्रदर्शन कर अपनी ताकत दिखाई थी। अब एक बार फिर वे यहां पर प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं।