इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में सीएए और एनआरसी के विरोध में रविवार को महालक्ष्मी मैदान में जनसभा आयोजित की गई। इसमें शामिल होने आईं अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने कहा कि इस देश की सरकार कुछ तो सस्ता नशा कर रही है और वह नशा है- नफरत का नशा। नागपुर में बैठकर सरकार देश को बर्बाद करने का नशा कर रही है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस देश में गांधी और डॉं. भाीमराव अंबेडकर की विचारधारा चलेगी, गोडसे और गोलवलकर की नहीं। नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री और समाजसेविका मेघा पाटकर ने कहा कि देश के लोगों को संविधान ने अधिकार दिए हैं। जो संविधान को कुचलने का प्रयास करेगा, जनता उसे ही कुचल देगी।
सभा में स्वरा भास्कर ने कहा कि मैं यहां भारत के एक नागरिक के रूप में आई हूं जो भारत के संविधान के प्रति समर्पित है। आज देश में राष्ट्रवाद को लेकर इतनी बातें हो रही हैं कि हम यह भूल गए हैं कि देश के नागरिकों की जिम्मेदारी संविधान के प्रति हैं, ना कि किसी सरकार के प्रति। मशहूर शायर राहत इंदौरी का शेर… सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में…किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोडी है को पढते हुए स्वरा ने कहा कि नागपुर में बैठा कोई इस देश की नागरिकता तय नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि यह इंदौर का सौभाग्य है कि उसे अहिल्याबाई होलकर जैसी शासक मिली, जिन्होंने राज्य को जोडा और एक रखा, लेकिन हमारा दुर्भाग्य देखिए कि आज हमारे शासक ही हमारे भक्षक बने हुए हैं। जिन्हें हमने इतनी उम्मीदों से चुना, वोट देकर बहुमत से सरकार बनवाई, वही आज हमारे संविधान की धज्जियां उडा रही है। सरकार से कुछ सवाल करो तो वह पुलिस भेज देती है।
स्वरा ने कहा कि हम देर से जागे हैं…हमें तो तभी जाग जाना चाहिए था जब दादरी में अखलाक की मौत हुई थी। घुसपैठिए सरकार के दिमाग में घुसे हुए हैं। जितनी बार मेरी दादी भगवान का नाम नहीं लेती, उससे अधिक बार यह सरकार पाकिस्तान का नाम लेती है। इस सरकार को पाकिस्तान से प्यार हो गया है। देश में नागरिकता देने का कानून तो पहले से ही था और उसी के तहत सरकार ने पाकिस्तान के अदनान सामी को भारतीय नागरिकता दी और अब पद्मश्री भी दे दिया।
असम में एनआरसी पूर्ण रूप से असफल रहा है। 1600 करोड रुपए की लागत और 10 साल के काम के बाद 19 लाख लोग एनआरसी से बाहर हो गए, जिसमें 15 लाख हिंदू शामिल हैं। अब इन हिंदुओं को अंदर कैसे किया जाए, इसके लिए मोदी सरकार सीएए लेकर आई। सीएए यानी बेक डोर से इंट्री। स्वरा ने भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पर तंज कसा। कहा- जो व्यक्ति इंदौर में पोहा खाकर बडा हुआ, वह आज पोहे से बांग्लादेशी को पहचान रहा है।
सभा में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं यहां कांग्रेस नेता की हैसियत से नहीं, बल्कि भगतसिंह दीवाने ब्रिगेड के सदस्य के तौर पर आया हूं। दिग्विजय ने कहा कि मैं सरकार को अपनी नागरिकता के लिए कोई भी कागज नहीं दिखाऊंगा, जो करना है कर लो। इस देश में गांधी और आंबेडकर की विचारधारा चलेगी, गोडसे और गोलवलकर की नहीं। गृहमंत्री अमित शाह ने एक क्रोनोलॉजी बताई। उनकी क्रोनोलॉजी है पहले सीएए, फिर एनपीआर फिर एनआरसी आएगा। इसी तरह उनके एक मंत्री की क्रोनोलॉजी देखिए- वे कहते हैं देश के गद्दारों को गोली मारो, फिर एक लडका तमंचा लेकर आता है और गोली चलाता है। यहां देश में नफरत फैलाने का काम किया जा रहा है। वे संविधान की धारा को कमजोर करने का काम कर रहे हैं।
समाजसेविका मेघा पाटकर ने कहा कि देश के लोगों को संविधान ने अधिकार दिए हैं, और जो संविधान को कुचलने का प्रयास करेगा तो जनता उसे ही कुचल देगी। शोषण का विरोध अहिंसा से ही किया जाना चाहिए और यह आंदोलन अहिंसक है जो अवश्य सफल होगा, यह नई आजादी का आंदोलन है। सरकार ने मुसलमानों को टारगेट किया तो हमने इस आंदोलन की कमान उन्हें ही सौंप दी। वर्तमान में देश में घुसपैठिए कौन हैं? घुसपैठिए हैं विदेशी कंपनियां, जिन्होंने गरीबों के घर और जमीन उनसे छीन लिए। उन्होंने एनआरसी को नया नाम दिया-नेशनल रेजिस्टेंस अगेंस्ट कम्युनलिज्म।