भोपाल। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि कांग्रेस के कार्यकर्ता बहुत अच्छे हैं, उन्होंने चुनाव में भाजपा से दो चार सीटें जैसे-तैसे जिता दी थीं लेकिन पार्टी के जो नेता भोपाल में बैठे हैं वे उसे संभालकर रख नहीं पाए। जीत की जो लहलहाती खड़ी फसल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दी थी, उसे इन नेताओं ने उजड़वा दिया। इसलिए घेराव पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का होना चाहिए लेकिन उनका घेराव न हो, इसलिए ध्यान बांटने के लिए कभी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया तो कभी मंत्री गिर्राज दंडोतिया की तरफ कार्यकर्ताओं को भटका देते हैं। असली दोष तो नाथ और सिंह का है। मंत्री मिश्रा ने यह बात मंत्री गिर्राज दंडोतिया का पिछले दिनों उनके विधानसभा क्षेत्र में घेराव किए जाने के परिप्रेक्ष्य में कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कितने लोग बचे हैं? जो हैं वे अब अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
मंत्री मिश्रा ने उपचुनाव वाले क्षेत्रों में हजारों करोड़ के विकास कार्य स्वीकृत करने के सवाल पर कहा कि जिन पूर्व विधायकों के क्षेत्र में उपचुनाव के पहले विकास कार्य के लिए राशि पूर्व सीएम कमलनाथ ने नहीं दी थी, उनके यहां विकास कार्य प्रभावित हुए थे। इसीलिए तो उन्होंने इस्तीफा दिया है, मेरा मानना है कि उनके यहां काम होना चाहिए।
जब मंत्री बनने वाले सदस्य ही नहीं तो फिर किस बात का डिस्क्वालिफिकेशन
सुप्रीम कोर्ट में विधायक विनय सक्सेना द्वारा लगाई गई याचिका के मामले में मंत्री मिश्रा ने कहा कि जो विधायक कोर्ट में गए हैं, उनके ज्ञान पर सवाल नहीं उठा रहा। न ही न्यायालय की अवमानना कर रहा हूं पर संसदीय कार्य मंत्री के नाते मैं कहता हूं कि डिस्क्वालिफिकेशन तब होता है जब कोई सदस्य हो। जब वे सदस्य हैं ही नहीं तो उनको लेकर सवाल उठाना ही उचित नहीं है। जिनको लेकर सवाल उठा रहे हैं वे सदस्य रहते मंत्री नहीं बने हैं। ये सभी बातें अलग अलग कंडिकाओं में कही गई हैं। मिश्रा ने कहा कि इस मामले में न्यायालय का समय जाया किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ समय पहले कांग्रेस के एक बड़े नेता ने कहा था कि जुलाई में निरस्त हुए सत्र में इतने सारे प्रश्न लगे थे, जिन्हे हटा दिया गया। उस पर भी कहता हूं कि जब सत्र ही शून्य हो गया तो सवाल कैसे रहेंगे?