भोपाल। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि वह मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल नहीं है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पार्टी जिसे चाहेगी वही मुख्यमंत्री बनेगा। फिलहाल इसका फैसला नहीं हुआ है। याद दिलाना जरूरी है कि मध्य प्रदेश के सत्ता परिवर्तन में नरेंद्र सिंह तोमर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सबसे खास बात यह रही कि नरेंद्र सिंह तोमर के पास सभी तरह की जानकारियां थी परंतु उनके स्टाफ या समर्थकों की ओर से कोई भी जानकारी लीक नहीं की गई।

नरेन्द्र सिंह तोमर का कहना है, पार्टी जिसे चाहेगी वो मुख्यमंत्री होगा। मैं मुख्यमंत्री की दौड़ में नही हूं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार अपनी खामियों और गुटबाज़ी की वजह से गिरी। जो भी राजनैतिक घटनाक्रम मध्यप्रदेश में हुआ उसकी ज़िम्मेदार कांग्रेस है। जब विधानसभा का चुनाव हुआ था तो बीजेपी को वोट ज़्यादा मिले थे लोकिन सीटों के गणित में 3-4 सीटों कांग्रेस को ज़्यादा मिलीं थीं। अगर बीजेपी को जोड़ तोड़ की राजनीति करनी होती तो हम उस समय ही सरकार बनाने में सफल हो जाते।

नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा बीजेपी ने तब माना कि कांग्रेस को सरकार चलाने का मौक़ा दिया जाए। यही वजह है कि हमने जोड़-तोड़ नहीं किया। उसका नतीजा ये रहा कि एक साल मध्यप्रदेश के लिए नुक़सान वाला रहा। भ्रष्टाचार के कारण कांग्रेस के अंदर फूट हुई और 22 विधायक ने इस्तीफ़ा दे दिया। इसके लिए हम नहीं, बल्कि कांग्रेस खुद ही ज़िम्मेदार है।

सरकार गिरने के बाद अब चर्चा ये है कि बीजेपी इस बार किसे मौका देगी। शिवराज सिंह चौहान खुद को स्वाभाविक दावेदार मानकर चल रहे हैं। पार्टी के युवा नेता नरोत्तम मिश्रा भी दौड़ में शामिल हैं। हालांकि पार्टी की ओर से अभी तक इस संबंध में कोई बयान नहीं आया है।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिरने के बाद बीजेपी ने सरकार गठन की कवायद तेज कर दी है। नरेंद्र सिंह तोमर के दिल्ली स्थित आवास पर बैठक हुई। इसमें बीजेपी के नेता धर्मेंद्र प्रधान और कांग्रेस से आए ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत बीजेपी के कई नेता शामिल हुए। बताया जा रहा है कि दिल्ली में हुई इस बैठक में मध्य प्रदेश में सरकार गठन को लेकर रणनीति बनाई गई।

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