भोपाल । नगर निगम में कार्यरत कर्मचारियों को मार्च माह का वेतन अप्रैल माह का एक सप्ताह गुजरने के बाद भी नहीं मिल पाया है, जिसके कारण कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसमें सबसे बड़ी वजह साफ्टवेयर में इंट्री न होना, लेखाधिकारी का अवकाश पर चले जाना माना जा रहा है।
नगर निगम भोपाल में हजारों की संख्या में नियमित, दैनिक वेतन भोगी व 25 दिवसीय कर्मचारी कार्यरत हैं। नियमित व दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को हर माह 31 से 1 तारीख को वेतन मिल जाता है, लेकिन इन कर्मचारियों को मार्च माह का वेतन अप्रैल माह का एक सप्ताह गुजरने के बाद भी नहीं मिल पाया है। नगर निगम सूत्रों का कहना है कि वित्तीय वर्ष होने और बजट की व्यवस्था न होने के कारण वेतन नहीं मिल पाया है। सूत्रों का कहना है कि परिषद संकल्प देर से आया है। बजट पास होने के बाद लेखाधिकारी धर्मेन्द्र सिंह हाणा अवकाश पर चले गए थे। इन सारी वजहों के कारण वेतन में देरी हो रही है। कर्मचारियों का कहना है कि स्कूलों का नया शिक्षण सत्र शुरू होने के बाद स्कूल फीस, यूनिफार्म, किताबों के साथ ही अन्य खर्चे वहन करना पड़ता है, लेकिन वेतन भुगतान न होने के कारण उन्हें आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। संभवत: अब सोमवार या मंगलवार को ही वेतन भुगतान हो सकेगा।
सूत्रों का कहना है कि नगर निगम प्रशासन ने कर्मचारियों को नवम्बर में 7 प्रतिशत डीए देने की घोषणा की थी वह अभी तक पूरा नहीं हो सकी है। संभावना है कि अप्रैल माह के वेतन में डीए जोड़ा जाएगा। ज्ञात हो कि नगर निगम में 4500 नियमित कर्मचारियों के साथ ही मस्टर 1500 से 2000 और 25 दिवस वालों का अभी तक कोई आकड़ा स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन इनकी संख्या 2500 से 3000 हजार हो सकती है, जिन्हें नगद वेतन दिया जाता है।