भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नगरों के विकास के लिए धनराशि की कमी नहीं आने दी जाएगी। जब कोरोना काल में 330 करोड़ की राशि राज्य सरकार ने नगरीय निकायों को प्रदान की तो अब यह क्रम नहीं रूकेगा और 15वें वित्त आयोग की स्वीकृत राशि निकायों को प्रदान की जाती रहेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नगर किसी भी प्रदेश का आईना होते हैं। बड़ी आबादी होने के कारण नगरों में सड़क, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता से उपलब्ध करवाना आवश्यक होता है। इसके साथ सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और सीवेज सिस्टम का विकास भी जरूरी है। स्वच्छता में देश के अग्रणी नगरों में शामिल हाने वाले इंदौर, भोपाल जैसे नगर आगे भी विशिष्ट स्थान बनाएं इसके लिए आवश्यक धनराशि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जनता की जिन्दगी में सभी मिलकर नया प्रकाश लाने का प्रयास करें।
किस नगर को कितनी राशि
वित्त वर्ष 2020-21 में मिलियन प्लस आबादी वाले नगरीय निकायों को दो किश्तों में कुल 598 करोड़ रूपए मंजूर हुए हैं। इनमें भोपाल को 176, ग्वालियर को 102, इंदौर को 202 और जबलपुर को 118 करोड़ स्वीकृत हुए हैं। इसकी प्रथम किश्त कुल 149.50 करोड़ की राशि आज अंतरित की गई। नान मिलियन प्लस आबादी के 403 नगरीय निकायों और 5 छावनी परिषद के लिए 1320 करोड़ रूपए मंजूर हुए हैं। इनकी पहली किश्त 330 करोड़ गत 06 जून को मुख्यमंत्री चौहान ने निकायों को प्रदान की थी। इसका उपयोग निकायों ने विभिन्न विकास कार्यों और कोरोना रोकथाम के लिए किया। आज इन निकायों को प्रथम किश्त की राशि 330 करोड़ रूपए प्रदाय की गई। इसका उपयोग स्वच्छता और शौचमुक्त (ओडीएफ) स्थिति के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंध, पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन आदि के लिए किया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान मंत्रालय से वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा प्रदेश के नगरीय निकायों के पदाधिकारियों और अधिकारियों से रू-ब-रू हो रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने सिंगल क्लिक द्वारा 480 करोड़ रूपए की राशि नगरीय निकायों को अंतरित की। जिन नगरों को राशि प्राप्त हुई है उनमें 10 लाख से अधिक आबादी (मिलियन प्लस) वाले प्रदेश के 4 नगरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर के अलावा नॉन मिलियन प्लस 403 नगरीय निकाय और 5 केन्टोनमेंट नगर शामिल हैं। आज प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के अधिकारी और 63 ऐसे निकायों के अध्यक्ष जिनका कार्यकाल अभी चल रहा है, उन्होंने वीसी के माध्यम से कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल में आर्थिक संकट की स्थिति है, लेकिन नगरों के विकास के लिए धन की व्यवस्था की जाएगी। हमारे शहर आदर्श बनकर खड़े हों, इसके प्रयत्न करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि में वृद्धि की जाएगी। कोरोना से पूरी तरह सामान्य स्थितियां निर्मित होते ही आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शहरी गरीबों को प्राथमिकतापूर्वक आवास उपलब्ध करवाए जाएंगे। प्रदेश के 7 नगरों में 20 हजार करोड़ रूपए का निवेश हो रहा है, इंदौर और भोपाल में मेट्रो रेल का कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने निकायों को निर्देश दिए कि मास्टर प्लान तैयार करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि झुग्गी क्षेत्र न बढ़ें। प्रदेश में संबल योजना पुन: प्रारंभ की गई है। इसके साथ ही स्ट्रीट वेण्डर्स को लाभान्वित करने के लिए योजना संचालित है। मध्यप्रदेश ने इस योजना के कियान्वयन में देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शहरी क्षेत्र में सब्जी की दुकान चलाने वाले हाथ ठेला से छोटे व्यवसाय करने वाले केशशिल्पी, चर्मकार, काष्ठकार और अन्य बुनकरों-कारीगरों को भी योजनाओं का लाभ दिलवाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने शहरों के विकास के लिए धनराशि के सद-उपयोग के लिए विभिन्न स्तरों पर मॉनीटरिंग की आवश्यकता भी बताई। वीडियो कान्फ्रेंस में प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन नीतेश व्यास, आयुक्त नगरीय प्रशासन निकुंज श्रीवास्तव और आयुक्त जनसंपर्क डॉ. सुदाम खाड़े उपस्थित थे।
नगरीय निकायों से चर्चा
मुख्यमंत्री चौहान ने नगर पालिका मंदसौर के अध्यक्ष राम कोडवानी, नगर पालिका शहडोल की अध्यक्ष श्रीमती उर्मिला कटारे और झाबुआ जिले की पेटलावद नगर परिषद के अध्यक्ष मनोहर भटेवरा से चर्चा भी की। मुख्यमंत्री चौहान को मंदसौर के जनप्रतिनिधियों ने विभिन्न विकास कार्यों के भूमिपूजन और लोर्कापण के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे अवश्य ही बहुत जल्दी मंदसौर आएंगे और भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन कर प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए प्रार्थना करेंगे। शहडोल की नगर पालिका अध्यक्ष और अन्य जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री चौहान को शहडोल में मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग कॉलेज की सौगात देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि गत वर्ष शहडोल के विकास के लिये कोई कदम नहीं उठाया गया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे विकास के कार्यों की मंजूरी देने में तत्पर रहेंगे। पेटलावद के नगर परिषद अध्यक्ष ने भी विकास कार्यों के थम जाने से अवगत करवाया और चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि बढ़ाने का सुझाव दिया।