इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर के स्पेशल टॉस्क फोर्स ने जाली नोट छापने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पकडे गए आरोपियों ने नागमणि खरीदने के लिए 15 लाख के जाली नोट छाप लिए थे। आरोपियों से 1 लाख 83 हजार 600 रुपए के जाली नोट बरामद किए गए हैं। दो आरोपी पुलिस कंट्रोल रूम के समीप फाइनेंस एडवाइजरी कंपनी चलाते हैं। एक आरोपी तांत्रिक क्रिया करने में माहिर है।
स्पेशल डीजी (एसटीएफ) पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि सूचना मिली थी कि आरएनटी मार्ग स्थित शाम टावर में आरोपी रुद्रसिंह चौहान निवासी प्रताप नगर देवास व उसका साथी देवेंद्रसिंह चौहान निवासी इटावा (उत्तरप्रदेश) देवास में जाली नोट छापने व चलाने का धंधा कर रहे हैं। एएसआई अमित दीक्षित व विजयसिंह चौहान की टीम ने दबिश देकर दोनों को पकड लिया। आरोपी गांधीनगर में किराए का कमरा लेकर रह रहे थे। उन्होंने एजुकेशन, होम, पर्सनल लोन दिलाने के लिए एडवाइजरी कंपनी खोल ली थी। पूछताछ में दोनों ने कबूला कि लाखों रुपए के जाली नोट तांत्रिक दिलीप चौहान निवासी इटावा देवास को दे दिए थे। पुलिस ने दबिश देकर दिलीप को भी 1 लाख 83 हजार 600 रुपए के जाली नोट के साथ पकड लिया। आरोपियों ने पूछताछ में कबूला कि अभी तक करीब 15 लाख रुपए के जाली नोट छाप चुके हैं।
एडीजी के मुताबिक, आरोपी रुद्र ने पूछताछ में बताया कि तांत्रिक दिलीप उसके साथी देवेन्द्र सिंह का भाई है। दिलीप ने बताया कि महोबा (छग) के राहुल के पास नागमणि है। उसकी पूजा कर वह रातोरात लाखों रुपए मंगवा सकता है। आरोपियों ने राहुल के साथ बैठक की और नौ लाख रुपए में नागमणि का सौदा कर लिया। इसके लिए कलर प्रिंटर से दो हजार और पांच सौ के जाली नोट छाप लिए। तीनों नागमणि खरीदने पहुंच गए। राहुल को जैसे ही दो लाख रुपए बयाना पेटे दिए वह भांप गया कि नोट नकली है। इस पर आरोपियों की और राहुल की हाथापाई हो गई। लोगों ने उन्हें घेरा तो कार लेकर भागना पडा। रास्ते में लगा कि राहुल पुलिस को कॉल कर पकडा देगा। उन्होंने नोटों की पोटली बनाकर रास्ते में फेंक दी।