भोपाल ! प्रदेश के बालाघाट जिले में गिरफ्तार हार्डकोर नक्सली कमांडर दिलीप पर बालाघाट जिले में 133 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में 45 से 50, महाराष्ट्र में 80 मामले दर्ज हैं। इसमें 19 हत्या व 29 हत्या के प्रयास के अलावा आगजनी, लूट, और आर्म्स एक्ट के मामले हैं। इस प्रकार से इस खूंखार नक्सली दिलीप पर महाराष्ट्र पुलिस ने 16 लाख, छग पुलिस ने 10 लाख, मप्र पुलिस ने 3.50 लाख और सीआरपीएफ मिलाकर 5 लाख का इनाम रखा गया है। पुलिस अधिकारियों की मानें तो इस पर आईबी व अन्य एजेंसियों ने भी इनाम रखा है। इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।
हार्डकोर नक्सली दिलीप महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ ही नहीं मध्य प्रदेश की पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया था। तीनों राज्यों में उसने 260 से अधिक नक्सली वारदातों को अंजाम दिया है। नक्सली कमांडर दिलीप पर 35 लाख का इनाम था।
90 के दशक से बालाघाट में पैर पसार रहे नक्सलवाद के साथ ही दिलीप 1995 में सक्रिय हो गया था। उसने तीनों राज्यों में बड़ी-बड़ी नक्सली वारदातों का नेतृत्व भी किया है। उसकी तीन राज्यों की पुलिस और खुफिया एजेंसियों को सरगर्मी से तलाश थी। दिलीप सीपीआई (माओवादी) कैडर का बड़ा सदस्य रह चुका है। इसके अलावा दिलीप ने चार बड़े नक्सली समूहों सक्रिय रूप से जुड़ा रहा है।
हॉक फोर्स के आईपीएस अधिकारी जयदेवन ए ने बताया कि दिलीप रूपझर थाना अंतर्गत माटे का रहने वाला है। गांव में शुरू से नक्सली गतिविधियां बनी रहने के चलते दिलीप ने 16 वर्ष की उम्र में सबसे पहले 1995 में मलाजखंड दलम में जुड़ा। यहां दिलीप ने 1999 तक सक्रिय नक्सली सदस्य के तौर पर काम किया। इसके बाद 1999 में कोरची दलम में दो वर्ष सदस्य के तौर पर काम करने के बाद 2001 में एरिया कमेटी में जुड़ा रहा। 2003 से 2004 तक मिलिट्री दलम सदस्य के तौर पर और 2006 में स्पेशल गुरिल्ला स्क्वायड में डिप्टी कमांडर के तौर पर दिलीप नक्सली घटनाओं को अंजाम देते-देते दिलीप एक बड़ा नक्सली बन गया। इसके बाद दिलीप को डिवीजनल कमेटी मेंबर उत्तर गढ़चिरौली की जिम्मेदारी सौंपी गई। तब से लेकर अब तक दिलीप नक्सली गतिविधियों को अंजाम देता चला आ रहा है।
मां से मिलने गांव आया था
दिलीप उर्फ गुहा को दो दिन पूर्व ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन गृहमंत्री के आगमन के दौरान सुरक्षा कारणों से पूछताछ करने के बाद पुलिस दिलीप को मीडिया के सामने लाई। दिलीप अपनी मां से मिलने अपने गांव आया हुआ था। इसकी सूचना पुलिस को मिली और पुलिस ने उक्त गांव में दल बल के साथ दबिश देकर दिलीप को गिरफ्तार किया।
5 बड़ी वारदातों में हाथ
-2000 में सिगानडोहा क्षेत्र जिला गोंदिया में दो पुलिस कर्मियों की हत्या।
-2001 में आरक्षक राजेन्द्र उपाध्याय की निर्मम हत्या।
-2006 में छग राज्य के घाघरा के पुलिस कैम्प में फायरिंग।
-2007 में सोधनडोंगरी में पुलिस फोर्स पर किया था हमला।
-2014 में मछुरदा में पुलिस पार्टी पर फायरिंग।
पूर्व नक्सली कमांडर भी गिरफ्तार
अंबिकापुर। पूर्व नक्सली कमांडर सुमन को कुसमी के अमटाही से गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के अनुसार यह वहां लेव्ही वसूली के लिए आया था। पूरे इलाके में है इस पूर्व नक्सली कमांडर का खौफ है। इसका एक साथी फरार हो गया। बलरामपुर पुलिस ने सूचना पर यह कार्रवाई की।