ग्वालियर। मध्यप्रदेश का भिण्ड जिला नकल करने के लिए कुख्यात है। नकल के इस कलंक को मिटाने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के अलावा इस बार शिक्षकों व स्वयं छात्रों ने भी वीणा उठाया है। नकल करने से मेहनती छात्रों के गिरते मनोबल और शिक्षा के स्तर को संभालने के लिए अब छात्रों ने इसकी कमान खुद संभाल ली है। नकल एक अभिशाप है का नारा देते हुए शहर के शासकीय और प्राइवेट स्कूलों के छात्रों ने आज एक रैली निकाली और नकल नहीं करने की शपथ ली।
छात्रों की इस रैली को संबोधित करते हुए कलेक्टर इलैया राजा टी ने कहा कि परीक्षाओं में नकल होना सामाजिक अभिशाप है यह देश की उन्नति में सबसे बडी बाधा है। यदि शिक्षक चाहें तो वह इस अभिशाप को समाप्त किया जा सकता है। शिक्षक ही राष्ट्र निर्माता है। कलेक्टर ने शिक्षकों से कहा कि वह नकल रहित परीक्षा करवाकर समाज को सही दिशा दें। उन्होंने कहा कि अच्छे समाज की कल्पना तभी की जा सकती है जब बच्चों को बुनियादी शिक्षा सही तरीके से दी जाए। नकल ये हम बच्चे को पास कर डिग्री तो दिला सकते हैं, लेकिन उसे संस्कार नहीं दिला सकते। बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी तो वह किसी भी प्रतियोगिता में शामिल होकर अपना व परिवार का भविष्य बना सकता है।
इस अवसर पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीआरसी) टीकमसिंह ने कहा कि नकल करना व करवाना दोनों अभिशाप है। नकल समाज में एक नासूर के समान है। शिक्षक इतनी बडी उपाधि होती है के वह हर बडे काम को आसान कर सकते है। अगर शिक्षक पूरे समर्पण भाव से अपना दायित्व निभाए तो नकल रहित परीक्षा कोई बडा काम नहीं है।

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