ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में दीपावली का त्यौहार नजदीक आते ही डेयरियों पर नकली मावा बनना शुरू हो गया है। इधर खाद्य विभाग की टीम ने भी नकली मावा बनाने वालों पर नकेल कसने के लिए सैंपलिंग करना शुरू कर दिया है। 2 दिन में स्वास्थ्य विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने भिण्ड जिले के गोरमी सर्किल के जरपुरा में संचालित दूध डेयरियों पर छापामार कार्यवाही की। इस दौरान सिर्फ एक डेयरी से टीम ने दूध, मावा, वनस्पति और ग्लूकोज पाउडर के सैंपल ले पाए। जबकि अन्य डेयरी संचालक ताला डालकर भाग गए।
त्यौहार के अवसर पर भिण्ड जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित नकली मावा तैयार करने वाली डेरियों से बड़ी मात्रा में मावा अन्य प्रांतों में जाता है। वहीं इस मौसम में अधिक मुनाफा कमाने के लिए दूध डेयरी संचालक बड़ी मात्रा में नकली मावा तैयार करते हैं। जो कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की खाद्य सुरक्षा टीम ने मावा सैंपलिंग शुरू कर दी है। कल खाद्य सुरक्षा अधिकारी लोकेंद्र सिंह, सतीश धाकड़ और रीना बंसल ने गोरमी सर्किल के जरपुरा गांव में संचालित डेयरियों पर छापामार कार्यवाही की। यहां राय सिंह नरवरिया की डेयरी से मावा, दूध, वनस्पति और ग्लूकोज पाउडर के सैंपल लिए। वहीं इस कार्यवाही के दौरान गांव में संचालित हाकिम सिंह और जसवंत सिंह अपनी अपनी डेयरियों पर ताला डालकर भाग गए। खाद्य विभाग की टीम ने जीसकपुरा में संचालित डेयरियों दूध और मावा के सैंपल लिए।
उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉं. जेपीएस कुशवाह ने आज यहां बताया कि दीपावली के त्यौहार को देखते हुए खाद्य सुरक्षा टीम को निर्देश दिए गए है के वह ग्रामीण क्षेत्रों में जहां दूध की डेरियां व मिलावटी मावा बनाने का कारोबार चल रहा है उनके यहां सैंपलिंग की जाए। त्यौहार पर मावा की मांग अधिक बढ जाने से मिलावट की संभावनाएं भी बढ जाती है। खाद्य सुरक्षा टीम निरंतर छापामार कार्यवाही करेंगी जिससे मिलावटी मावा का निर्माण न हो सके। दो दिन की छापामार कार्यवाही में डेरियों से वनस्पति, ग्लूकोज पावडर, डिटरजेंट पावडर जप्त किया जाकर उनकी सैंपलिंग ली गई है।