सरकार ने वाहन चालकों को फास्ट टैग खरीदने और बिना जुर्माने के टोल प्लाजा से निकलने के लिए 30 दिनों की मोहलत दे दी है। हालांकि नेशनल हाईवे पर स्थित सभी टोल प्लाजा की तैयारी के लिहाज से फास्ट टैग का उपयोग रविवार से अनिवार्य कर दिया गया है। फास्ट टैग मिलने में हो रही दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने वाहन चालकों को एक महीने की मोहलत दी है। इस दौरान वे टोल प्लाजा की एक-चौथाई लेन में कैश भुगतान कर वाहन वहां से गुजर सकेंगे। दूसरी तरफ, टोल प्लाजा को रविवार से कम से कम तीन-चौथाई लेन में फास्ट टैग की सुविधा अनिवार्य रूप से मुहैया करानी होगी।

सरकार ने एनएचएआई से कहा है कि वह एक महीने तक कम से कम एक-चौथाई लेन को हाइब्रिड लेन में बदलने की व्यवस्था करे। यानी यदि किसी टोल प्लाजा में 8 लेन हैं तो वहां 2 लेन में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन के अलावा कैश भुगतान भी स्वीकार होंगे। इसी तरह जहां 12 लेन हैं वहां 3 लेन कैश के लिए भी खुली होंगी। इन लेन में बिना जुर्माने के कैश में भी टोल का भुगतान स्वीकार किया जाएगा। अभी तक केवल एक लेन में ही कैश भुगतान की सुविधा होने से लंबी कतारें लग जाती थीं।

सडक मंत्रालय ने एनएचएआई से कहा है कि वाहन चालकों को सुविधा देने के साथ-साथ उसका प्रयास हाइब्रिड लेन की संख्या को कम से कम रखने का होना चाहिए, ताकि लोग जल्दी से जल्दी फास्ट टैग लेने का प्रयास करें। किसी भी हालत में फास्ट टैग लेन 75 फीसदी से कम नहीं होने चाहिए। साथ ही बिना जुर्माने के कैश भुगतान की सुविधा सिर्फ 30 दिन तक दी जाएगी। उसके बाद कैश लेन में जाने वाले चालकों से दोगुना टोल वसूला जाएगा।

इससे पहले एनएचएआई ने मुश्किलें गिनाते हुए सडक मंत्रालय से फास्ट टैग अनिवार्यता की तारीख बढाने अथवा 45 दिनो तक एक से अधिक लेन को हाइब्रिड लेन में बदलने की अनुमति मांगी थी। एनएचएआई का कहना था कि देश में चिप का पर्याप्त उत्पादन नहीं होने से फास्ट टैग की आपूर्ति मांग के मुकाबले काफी कम है। बीती 6 दिसंबर तक देश में रोजाना 1.96 लाख फास्ट टैग जारी हो रहे थे। फास्ट टैग में आयातित चिप के उपयोग और उसकी बढती मांग को देखते हुए एनएचएआई ने 5-6 दिसंबर को टैग निर्माताओं तथा बैंकों के साथ स्थिति की समीक्षा की।

अभी एनएचएआई निर्माताओं की कुल दैनिक उत्पादन क्षमता भी अधिकतम 50,000 टैग बनाने की ही है। निर्माताओं के पास पहले से 18 लाख फास्ट टैग की आपूर्ति के ऑर्डर पडे हुए हैं। एनएचएआई के अनुरोध पर ही सडक मंत्रालय ने इससे पूर्व फास्ट टैग अनिवार्यता की तारीख को पहली दिसंबर से बढाकर 15 दिसंबर किया था।

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