ग्वालियर ! एक स्वसहायता समूह को मिडडे मील का काम बंद करने नोटिस देने के बाद कार्रवाई रोकने के लिए एक महिला अफसर ने 25 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। स्वसहायता समूह का प्रमुख रिश्वत की रकम भी ले आया तो अफसर ने नए नोट में देने के लिए कहा। गुरुवार को नए नोटों के साथ लोकायुक्त पुलिस ने इस महिला अफसर को रंगे हाथों पकड़ लिया और अब उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
मामला शिवपुरी का है। यहां पर जिला पंचायत की मध्यान्ह भोजन प्रभारी की मैनेजर कीनल त्रिपाठी हैं। कीनल ने कुछ दिन पहले एक स्वसहायता समूह को मिडडे मील सप्लाई बंद करने का नोटिस दिया था। लापरवाही के चलते नौकरी से हटाने का नोटिस दिया था। जब स्वसहायता समूह के संचालक रमेश जाटव ने सप्लाई बहाल करने की बात कही तो कीनल त्रिपाठी ने इसके एवज में 25 हजार रुपए की रिश्वत मांगी और पूरी रकम नए नोटों में देने के लिए कहा।
इस रमेश जाटव ने ग्वालियर आकर लोकायुक्त पुलिस को इसकी शिकायत कर दी। लोकायुक्त पुलिस ने जाल बिछाया और बातचीत की पूरी रिर्काडिंग कर ली। रमेश जाटव ने पुराने नोटों में कीनल त्रिपाठी को पांच हजार रुपए एडंवास भी दे दिए और शेष रकम गुरुवार को देना तय हुआ। योजना बनाकर गुरुवार की शाम को लोकायुक्त पुलिस की टीम की इंस्पेक्टर शैलजा गुप्ता सहित कई अफसर पहुंच गए। जैसे ही रमेश जाटव ने कीनल त्रिपाठी को 20 हजार रुपए दिए, उसने लपेटकर टेबल की दराज में रख लिए। रमेश जाटव और कीनल त्रिपाठी बात ही कर रहे थे, कि लोकायुक्त पुलिस ने छापा मार दिया और नोट बरामद कर लिए। कीनल ने रिश्वत के रूप में 100 के नोटों की एक गड्डी और 2000 के पांच नए नोट लिए थे। अचानक लोकायुक्त को देखकर कीनल घबरा भी गई, लेकिन समझ गई कि उसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया है।

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