भोपाल। शिवराज कैबिनेट के विस्तार का दिन तय होने के बाद अब मंत्री बनने के लिए जोर लगाने वाले विधायकों में बेचैनी है। मंत्री पद के लिए दावेदारी करने वाले नेताओं को अब जीएडी और सीएम सचिवालय से बुलावे का इंतजार है। सबसे ज्यादा बेचैनी केंद्रीय संगठन के 50-50 के फार्मूले में फंसने से मंत्री पद से दूर होने वाले उन पूर्व मंत्रियों में है जिनका नाम मंत्री पद की सूची से किसी न किसी बहाने कट सकता है। ऐसे विधायकों ने दिल्ली में मौजूद अपने आकाओं के जरिये अंतिम दौर तक नाम जुड़वाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। वहीं पहली बार मंत्री पद का मौका मिलने की आस लिए नेता संगठन के फैसले की सराहना कर रहे हैं।
मार्च में कमलनाथ सरकार के इस्तीफे के पूर्व पार्टी के लिए महत्वपूर्ण रोल अदा करने वाले अरविन्द भदौरिया, संजय पाठक का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। इनके अलावा भाजपा से अब तक मंत्री न बनने वाले तीन से चार बार के जिन विधायकों को मौका मिल सकता है, उसमें रमेश मेंदोला, उषा ठाकुर, मालिनी गौड़ में से कोई एक, अरविन्द भदौरिया, चैतन्य कश्यप, यशपाल सिंह सिसोदिया, गिरीश गौतम, केदार शुक्ल, प्रेम सिंह पटेल, प्रदीप लारिया, रामखिलावन पटेल, मोहन यादव, रामेश्वर शर्मा, विष्णु खत्री, अशोक रोहाणी के नाम शामिल हैं।
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