म्यांमार से विस्थापित होकर बांग्लादेश पहुंचे रोहिंग्या मुस्लिमों की दो साल में वापसी को लेकर म्यांमार और बांग्लादेश के बीच समझौता हो गया है। ये रोहिंग्या म्यांमार में सैन्य कार्रवाई के बाद विस्थापित होकर बांग्लादेश भागने को मजबूर हो गए थे। रोहिंग्या मुस्लिमों की स्वदेश वापसी की अनिश्चित स्थितियों के बीच भी हजारों रोहिंग्याओं की वापसी को लेकर पहली स्पष्ट समयसीमा निर्धारित हुई है।

म्यांमार की राजधानी नेपीडॉ में इस हफ्ते यह समझौता हुआ। इसके तहत लगभग साढ़े सात लाख रोहिंग्याओं की वापसी का रास्ता साफ हुआ है। ये रोहिंग्या मुस्लिम म्यांमार में अक्तूबर, 2016 से शुरू हुई हिंसा की दो बड़ी घटनाओं के बाद भाग गए थे। इसकी शुरुआत तब हुई जब राज्य विहिन अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी ने पहले उत्तरी रखाइन राज्य के सीमा सुरक्षा बलों पर हमला किया था। बांग्लादेशी सरकार ने अपने बयान में कहा कि इस समझौते का उद्देश्य दो साल के अंदर रोहिंग्याओं की स्वदेश वापसी करवाना है।

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