भोपाल। अधिकारियों और डॉक्टरों के बीच वर्चस्व की लड़ाई मरीजों की जान पर भारी पड़ सकती है। बुन्देलखंड मेडिकल कॉलेज सागर में आज सुबह से डॉक्टरों ने काम बंद कर हडताल शुरू कर दी। आज यदि प्रशासनिक स्तर पर हल नहीं निकला तो कल गुरुवार को प्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज के करीब 3500 हड़ताल पर चले जाएंगे। यही नहीं इस हड़ताल में जूनियर डॉक्टर भी शामिल हो सकते हैं। हड़ताल से सबसे ज्यादा संकट अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों पर होगा। इलाज ना मिलने की स्थिति कोरोना मरीजों की हालत अत्यधिक गंभीर हो सकते हैं।

इसलिए आक्रोशित हैं डॉक्टर
दरअसल सागर में हुई एक घटना के चलते यह विरोध हो रहा है। सागर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर ने कोरोना की जांच के बाद लक्षणों के आधार पर मरीज को कोविड केयर सेंटर मे भर्ती कर दिया। डॉक्टर के मुताबिक मरीज की स्थिति बिल्कुल सामान्य थी। दूसरे अस्पताल जाते समय रास्ते में मरीज की मौत हो गई। परिजनों की शिकायत पर कलेक्टर ने कॉलेज प्रबंधन से मामले की जांच करवाई। कॉलेज प्रबंधन ने रिपोर्ट में डॉक्टरी जांच को बिल्कुल सही बताया। हालांकि कलेक्टर ने कॉलज डीन की रिपोटज् को ना मानते हुए मप्र मेडिकल काउंसिल से डॉक्टर के लायसेंस निरस्त करने की अनुशंसा की , जिससे अन्य डॉक्टर नाराज हो गए।


डॉक्टर घर, परिवार तीज त्योहार छोड़कर दिन रात कोरोना और दूसरे मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इधरन प्रशासनिक अधिकारी कॉलेज डीन की रिपोर्ट को गलत बताकर हमारे डॉक्टरों को पंजीयन निरस्त कराने का नोटिस दे रहे हैं। इस तरह तो प्रदेश के सभी 3500 डॉक्टरों के लायसेंस ही निरस्त कर दें । प्रशासनिक अधिकारियों का ये रवैया सहन करने योग्य नहीं है। हम 8 तारीख को हर मेडिकल कॉलेज में हडताल करेंगे।
डॉ. राकेश मालवीय, सचिव, सेंट्रल मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन मप्र

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