दतिया। दतिया जिले के उपरांय गांव में अत्यंत गरीबी में जीवन बसर कर रहे पिता ने अपने पुत्र के अपहरणकर्ताओं को 5 लाख की फिरौती नहीं दे पाने के कारण अपने नाबालिंग पुत्र से हमेशा के लिए जुदा कर दिया। अगर पिता के पास पैसा होता तो आज उसका पुत्र जीवित होता। अपहरणकर्ताओं ने 15 साल के किशोर की गला घोंटकर पहले हत्या की फिर पहचान छुपाने के लिए उसके चेहरे पर पत्थर पटक-पटक कर पहचान ही खत्म कर दी। पुलिस ने कल भुता के जंगल से अपहृत युवक का शव बरामद कर हत्या के मुख्य आरोपी को गिरतार कर लिया है जबकि उसके तीन साथी अभी फरार है जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।
एडीशनल एसपी जसवीर सिंह भदौरिया ने आज यहां बताया कि दतिया जिले के ग्राम उपरांय निवासी बल्लू कुशवाह के 15 वर्षीय पुत्र सुरेन्द्र कुशवाह से एक बदमाश मानसिंह ने पहले दोस्ती की और उसे दतिया मेला दिखाने के बहाने बुलाया और 30 नवम्बर को उसका अपहरण कर लिया। एक दिसंबर को बदमाश मानसिंह ने अपहृत सुरेन्द्र के पिता बल्लू कुशवाह के मोबाईल पर फोन कर 5 लाख रुपए की फिरौती मांगी। गरीब होने के कारण बल्लू ने फिरौती की इतनी बडी राशि देने से मना कर दिया। इससे मानसिंह व उसके तीन अन्य साथियों ने सुरेन्द्र की रस्सी से गला घोंटकर पहले हत्या कर दी फिर पहचान छुपाने के लिए मृतक सुरेन्द्र के चेहरे पर पत्थर पटक-पटक कर उसकी पहचान ही खत्म कर दी।
एडीशनल एसपी जसवीर सिंह भदौरिया ने बताया कि सुरेन्द्र 30 नवम्बर को अपने ममेरे भाई आकाश के साथ दतिया मेला देखने आया था। मेले में उसे बदमाश मानसिंह मिल गया और मानसिंह ने दोनों से दोस्ती कर ली। मानसिंह अपने अन्य दोस्तों से मिलवाने के लिए साथ ले गया। मोहना के हनुमान मंदिर के पास जंगल में मानसिंह के तीन अन्य साथी अजमेर अहिरवार, रघुवीर प्रजापति और नवल प्रजापति भी मिल गए। चारों ने सुरेन्द्र का कट्टा लगाकर अपहरण कर लिया। आकाश यह सब देखकर घबरा गया और वहां से भागकर मंदिर में पुजारी के पास पहुंच गया। एक दिसंबर को पुलिस आकाश को मंदिर से अपने साथ लाई। पुलिस को लगा कि सुरेन्द्र का अपहरण हो गया है तो पुलिस ने आकाश के मोबाईल फोन से मानसिंह को फोन कर दतिया मेला बुलाया। और आकाश के आसपास सिविल डेªस में पुलिस तैनात कर दी गईं। मानसिंह जैसे ही आकाश के पास आया पुलिस ने दबोच लिया और थाने लाकर उससे पूछताछ की तो सारी हकीकत सामने आ गई। फिरौती के लिए मानसिंह नाबालिंग बच्चों से दोस्ती करता फिर उन्हें अपने विश्वास में लेकर उनका अपहरण कर उनके परिजनों से फिरौती बसूल करता था। मानसिंह की निशानदेही पर अपहृत सुरेन्द्र का शव जंगल से बरामद कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि बदमाश मानसिंह ने पहले भी दो हत्यायें की थी जिसमें राजीनामा हो जाने पर वह कुछ दिन पहले ही जेल से बाहर आया था।
बदमाश मानसिंह ने बताया कि वह नाबालिंग बच्चों से दोस्ती करने के लिए उन पर काफी पैसा खर्च करता था। जब दोस्ती हो जाती फिर उन्हें अपने साथ ले जाकर उनका अपहरण कर लेता और उनके परिवार से फिरौती बसूल करता था। मानसिंह ने बताया कि सुरेन्द्र का अपहरण धोखे में हुआ है वह किसी अन्य युवक का अपहरण करने वाला था। उसके शक में गलती से सुरेन्द्र का अपहरण हो गया। अगर सुरेन्द्र की हत्या नहीं करता तो वह पुलिस को हम लोगों की जानकारी दे देता।