भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि दैनिक वेतनभोगियों के लिये स्थाई सेवा नियम बनाये जायेंगे। भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए वर्ष 2020 में जल संसाधन विभाग को नया स्वरूप दिया जायेगा। श्री चौहान आज यहाँ स्थानीय समन्वय भवन में जल संसाधन विभाग के उत्कृष्टता सेवा पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
सिंचाई क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि के लिये जल संसाधन विभाग ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले अभियंताओं और कर्मचारियों को पुरस्कृत करने के लिये यह समारोह किया। मुख्यमंत्री ने सभी पुरस्कृत अभियंताओं, अधिकारियों-कर्मचारियों को उत्कृष्टता प्रमाण-पत्र एवं ट्राफी देकर सम्मानित किया।
राज्य स्तर पर पुरस्कृत दस अभियंता में प्रत्येक को 50 हजार रूपये, कछार स्तर के 42 अभियंता में प्रत्येक को 25 हजार और परियोजना मैदान स्तर के 255 अभियंता में प्रत्येक को 10 हजार की नगद राशि एवं प्रमाण-पत्र दिये गये। कुल 307 अभियंता/कर्मचारी को पुरस्कृत किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय जल संसाधन विभाग के उत्कृष्ट प्रदर्शन को जाता है। उन्होंने अभियंताओं से आग्रह किया कि वे सकारात्मक दृष्टिकोण और किसानों के हित में काम करें, सरकार उन्हें पूरा संरक्षण एवं प्रोत्साहन देगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के विकास की तेज गति कम नहीं होगी। प्रदेश का विकास अब थम नहीं सकता। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नागरिकों और किसानों की सेवा ही पहला कर्त्तव्य है। प्रत्येक भूमिका में जीवन अर्थपूर्ण और उद्देश्यपूर्ण होना चाहिये। उन्होंने कहा कि दृढ़ निश्चय और संवेदनशीलता से ही उपलब्धियाँ संभव हैं।
जल संसाधन विभाग को विकास की रीढ़ बताते हुए श्री चौहान ने कहा कि जल संसाधन के उत्कृष्ट प्रदर्शन और उपलब्धि से प्रदेश पानीदार हो गया है। उन्होंने कहा कि नर्मदा-क्षिप्रा परियोजना का शिलान्यास भी जल्दी किया जायेगा। श्री चौहान ने कहा कि ई-टेंडरिंग, ई-मेजरिंग और ई-पेमेंट जैसी सूचना प्रौद्योगिकी आधारित व्यवस्थाओं से प्रशासनिक और वित्तीय पारदर्शिता आई है।
जल संसाधन मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि अगले चार साल में 25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि अभियंताओं के आत्म-विश्वास, क्षमता एवं प्रतिभा के बल पर यह लक्ष्य भी पूरा कर लिया जायेगा।
प्रमुख सचिव जल संसाधन श्री आर.एस. जुलानिया ने विभाग की रणनीति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नहरों को पूरी क्षमता के साथ चलाने से 20 साल में पहली बार अंतिम छोर के किसानों को पानी मिला। उन्होंने बताया कि अगले साल 21 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग के अभियंताओं एवं कर्मचारियों द्वारा किये गये उत्कृष्ट कार्यों को दर्शाने वाली स्मारिका उत्कृष्ट कार्य”” का विमोचन किया।
प्रमुख सचिव नर्मदा विकास प्राधिकरण श्री रजनीश वैश, विश्व बैंक परियोजना के संचालक श्री मनीष सिंह, प्रमुख अभियंता जल संसाधन श्री एम.जी. चौबे एवं विभिन्न कछार के अभियंता उपस्थित थे।