इंदौर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत आचार्य विद्यासागर का आशीर्वाद लेने पहुंचे। आचार्यश्री और संघ प्रमुख के बीच कई विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। आचार्यश्री ने कहा कि देश के विकास के लिए हथकरघा का बडा महत्व है। जेल में बंद कैदियों के पुनर्वास के लिए हथकरघा का प्रयोग उनके जीवन को बदल सकता है। इसके लिए सरकार की ओर से पुनर्वास योजना बनाना जरूरी है। इस पर भागवत ने कहा कि इस तरह से कभी सरकार व संघ ने नहीं सोचा। आपका यह प्रयास अनुमोदनीय है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ इस काम में पूरा सहयोग करेगा।

आचार्यश्री ने संघ प्रमुख से हिंदी को प्राथमिकता देने की बात भी कही। आचार्यश्री ने भागवत से कहा-मैं अंग्रेजी का विरोधी नहीं हूं, लेकिन मातृभाषा हिंदी को सभी जगह प्राथमिकता देना जरूरी है। अभी 12 राज्यों में हिंदी भाषा बोली जा रही है। इसे बढाने के प्रयास जरूरी हैं। ब्रह्मचारी सुनील भैया ने बताया कि आचार्यश्री के आशीर्वाद से सागर, जबलपुर, मिर्जापुर, बनारस, आगरा, तिहाड जेल में हथकरघा से कैदियों को रोजगार व स्वावलंबी बनाया जा रहा है। जो कैदी शाकाहार को अपनाते हैं, उन्हें ही हथकरघा सिखाया जा रहा है। कैदियों के पुनर्वास में यह सकारात्मक साबित हो रहा है। जब वे हथकरघा शुरू करते हैं तो 300 रुपए दिए जा रहे हैं। छह माह तक काम सिखाया जाता है।

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