दमोह ! शिक्षा विभाग का एक और कारनामा जब सामने आया जब शिक्षा समिति की अध्यक्ष रामबाई सिंह ने ग्राम आबूखेडी की माध्यमिक शाला का निरीक्षण किया गया। आबूखेड़ी में अतिथि शिक्षक के रूप में पदस्थ वर्षा श्रीवास्तव, व नेहा मिश्रा सप्ताह में एक दो दिन ही बच्चों को पढ़ाने स्कूल जाती है। शिक्षा विभाग में जन शिक्षक बीआरसी शालाओं का निरीक्षण तो करते हैं लेकिन सही रिर्पोटिंग नही करते इस वजह से ऐसी अनियमितताएं सामने आती है। ऐसे में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा हैं।
श्रीमती सिंह ने शाला का जायजा किया तो पाया कि बच्चों को बैठने तक कि व्यवस्था नही प्राथमिक शाला में ही माध्यमिक शाला के बच्चें बैठते हैं जबकि आबूखेडी में माध्यमिक शाला भवन का निर्माण कार्य अधूरा पडा हैं तथा राशि निकाल ली गई हैं, लेकिन शासन के अधिकारियों के अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नही की हैं तथा बच्चों की शिक्षा पर बहुत बुरा असर पड़ रहा हैं।
दो कमरो में पहली से आठवी तक के बच्चें एक साथ कैसे पढ़ाई कर रहे होंगें इसका अंदाजा हम और आप लगा सकते हैं तथा आबूखेड़ी गांव के बच्चों का क्या भविष्य होगा। जब बच्चों को छोटी कक्षाओं में पूर्ण शिक्षा नही मिल पाएगी, तो वे आगे की कक्षाओं में पास नहीं हो पाएंगें क्योंकि जो मूल शिक्षा हैं वह उन्हें नही मिल पा रहा लेंकिन शासन का आदेश हैं कि आठवीं तक किसी बच्चा को फेल नही किया जाएगा भले ही नवमी कक्षा में आने पर उससे अपना नाम भी लिखते नही बने यह एक बहुत बड़ा खिलवाड़ शिक्षा विभाग द्वारा किया जा रहा हैं एवं गरीब मजदूर वर्ग के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हैं उनकी नींव कमजोर की जा रही हैं तथा उनका शैक्षणिक स्तर कमजोर हो रहा है।
आबूखेड़ी की यह स्थिति है। कि एक दिन पानी गिर जाए तो सकूल के चारो तरफ पानी भर जाता है। बच्चें स्कूल तक नही पहुंच पाते अब ऐसे में अधिकारी आबूखेड़ी ग्राम के बच्चों के भविष्य के लिए क्या कदम उठाते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा।