भोपाल। देश का पहला और अनूठा गौ-अभयारण्य मध्यप्रदेश में बनेगा। कामधेनु गौ-अभयारण्य 472 हेक्टेयर में शाजापुर जिले की सुसनेर तहसील के सालारिया गांव में आकार ले रहा है। आगामी 24 दिसम्बर को गौ-अभयारण्य का भूमि-पूजन होगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने उच्च-स्तरीय बैठक में आज यहाँ मंत्रालय में कामधेनु गौ-अभयारण्य स्थापना की तैयारियों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने गौ माता के लिये गुणवत्तापूर्ण एवं सुविधा संपन्न आश्रम-स्थल तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने अभयारण्य में गायों के पीने के लिये स्थायी जल-स्रोत की आवश्यकता बतलाते हुए सरोवर निर्माण करने के भी निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि गायों को हरा चारा निरंतर मिलना चाहिये। इसके लिये अभयारण्य में ही चारा विकास करने स्थान निश्चित करने के निर्देश दिये। श्री चौहान ने कहा कि गौ माता की सेवा में लगे गौ-सेवकों, गौ-पालकों और गौ-शालाओं के संचालकों को पुरस्कृत किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने अभयारण्य के प्रबंधन में गौ-सेवकों और समर्पित भाव से गौ-सेवा में लगे लोगों का सक्रिय सहयोग लेने की पहल करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गौ माता का संरक्षण स्थानीय अर्थ-व्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ ही सांस्कृतिक जागरण का भी प्रतीक है।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश की उत्कृष्ट गौ-शालाओं को पुरस्कृत किया जायेगा। गौ-शाला में उपलब्ध गौ-वंश के चारे की राशि पाँच रुपये से बढ़ाकर दस रुपये प्रति गौ-वंश की जायेगी। गौ-अभयारण्य के परिसर में पशु औषधालय की स्थापना भी की जायेगी। सौ एकड़ भूमि चारा उगाने के लिये आरक्षित की जायेगी। गौ-अभयारण्य 472 हेक्टेयर शासकीय भूमि में बनाया जायेगा। अभयारण्य के आसपास फेन्सिंग लगायी जायेगी। प्रथम चरण में 500 गौ-वंश के लिये शेड का निर्माण किया जायेगा। गौ-अभयारण्य संचालन के लिये प्रबंध समिति का गठन किया जायेगा।
प्रथम चरण में गौ-वंश के लिये जरूरी अधोसंरचना निर्माण किया जायेगा। जैविक खाद का निर्माण शुरू होगा। दूसरे चरण में नस्ल सुधार कार्यक्रम के साथ गौ-मूत्र आधारित औषधियों का निर्माण शुरू किया जाएगा। तीसरे चरण में भारतीय गौ-वंशीय नस्लों का संरक्षण शुरू होगा।
बैठक में संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा, गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष श्री शिव चौबे, मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम, अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरुणा शर्मा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री देवराज बिरदी और मुख्यमंत्री के सचिव श्री हरिरंजन राव उपस्थित थे।