देश के सबसे घातक वॉरशिप आईएनएस किल्टन को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा की उपस्थिति में भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया है। दुश्मनों की सबमरीन का खात्मा करने की क्षमता रखने वाला किल्टन वॉरशिप स्वदेशी है। नौसेना डॉकयार्ड की ओर से जारी बयान के मुताबिक इस सबमरीन को प्रोजेक्ट 28 के तहत तैयार किया गया है।
नौसेना प्रमुख सुनील लांबा की मौजूदगी में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण विशाखापट्ट्नम ने नेवल डॉकयार्ड में वॉरशिप को कमीशन किया है। आईएनएस किल्टन उन चार एएसडब्ल्यू कार्वेट्स में से एक है जिन पर करीब 7800 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
आईएनएस कमोरटा और आईएनएस कदमट्ट को पहले ही नेवी में कमीशन किया जा चुका है। इसकी खास बात है कि ये दुश्मन के जहाजों को पता लगाने और भारतीय जहाजों को सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है। किल्टन की कई खासियतें हैं, जिनमें सबसे बड़ी यह है कि यह मॉडर्न टेक्नोलॉजी के साथ बनी है। ये नेवी का पहला ऐसा वॉरशिप है जिसमें स्वीडन से आए कार्बन फाइबर का इस्तेमाल किया गया है।