कन्नौज। उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में एक पिता के सपने उस समय अरमान बनकर ही रह गए जब डोली की जगह उसे अपनी बेटी की विदाई अर्थी पर करनी पड़ी। शादी वाले घर में कुछ ही घंटे में खुशियां मातम में बदल गईं, जब डोली की जगह घर से बेटी की अर्थी निकली। हर एक की आंखों में बेटी की वो तस्वीर दिल को झकझोर रही थी, जब कुछ ही घंटे पहले ही वो शादी के लिए दुल्हन के लिबास में तैयार हुई थी।
उत्तरप्रदेश के कनौज जिले के ठठिया थाना क्षेत्र के भगतपुरवा गांव निवासी राज किशोर बाथम की 19 वर्षीय बेटी विनीता की शुक्रवार को शादी थी। विनीता की शादी कानपुर देहात जिले के रसूलाबाद के अमरुहिया गांव के निवासी संतोष के बेटे संजय के साथ होनी थी। शादी वाले घर में चारों तरफ खुशियां थीं। देर शाम दूल्हा संजय बारात लेकर भगतपुरवा गांव पहुंचा।
शादी की रस्में निभाई जा रही थी। इसी बीस अचानक दुल्हन विनीता की तबीयत खराब हो गई। परिवार वाले बीमार विनीता को मेडिकल कॉलेज ले गए। परिजनों का आरोप है कि वहां डॉक्टरों ने कोरोना की आशंका जताते हुए डर की वजह से उनकी बेटी को भर्ती करने से मना कर दिया और हल्का उपचार कर उसको कानपुर रेफर कर दिया।
कानपुर में भी इलाज के नाम पर निराशा हाथ लगी और सही समय पर इलाज न मिलने के कारण विनीता की मौत हो गई। विनीता की मौत की खबर घर आते ही कोहराम मच गया। दूल्हे संजय को बिना दुल्हन के बारात वापस ले जानी पडी।